नई दिल्ली। ‘पीस, सेल्फलेस सर्विस, जस्टिस’ (शांति, निस्वार्थ सेवा, न्याय) का स्लोगन रखने वाली दिल्ली पुलिस की एक घिनौनी करतूत सामने आई है। खुलासे के बाद एक SHO सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। मामला उत्तरपश्चिम दिल्ली के आदर्श नगर पुलिस स्टेशन का है। पुलिस के एक आला अधिकारी ने बताया कि सोमलाल नाम के आरोपी को उसके खिलाफ दर्ज तीन मामलों में पूछताछ के लिए 28 दिसंबर को बुलाया था।
अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के बाद गिरफ्तारी के डर से सोमलाल ने थाने की इमारत से छलांग लगा दी। उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों ने इस डर से कि हिरासत में व्यक्ति की मौत होने को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है, उसके शव को पार्क में फेंक दिया। मामले की जांच हुई तो एसएचओ, एएसआई सहित तीन सिपाहियों को मामला दबाने का दोषी पाया गया। पुलिस ने बताया कि सभी को निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
सोमलाल फल बेचने का काम करता है। उसकी उम्र 24 साल है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक सोमपाल ने खुदकुशी नहीं की बल्कि लॉकअप में पिटाई किए जाने से उसकी मौत हुई। अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक कहा जा रहा है कि पूछताछ के दौरान तीन पुलिसकर्मियों ने सोमपाल को बुरी तरह पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद एसएचओ संजय कुमार ने कथित तौर पर शव को मजलिस पार्क मेट्रो स्टेशन के पास फेंकने का आदेश दिया।