आइंदा पार्लीमानी इंतेखाबात में जाने से पहले यूपीए हुकूमत करप्शन पर रोक लगाने वाले लोकपाल कानून को अमली शक्ल देने में जुट गई है। पार्लियामेंट से पास होने के बाद लोकपाल बिल पर सदर जम्हूरिया की आखिरी मुहर बुध के रोज़ लग गई। एंटी करप्शन के इस कानून के दायरे में वज़ीर ए आज़म तक को शामिल किया गया है।
लोकसभा सेक्रेट्रेट ने मंगल के रोज़ लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार के दस्तखत के साथ सदर जम्हूरिया प्रणब मुखर्जी के पास आखिरी मुहर के लिए भेजा था। उनके दस्तख्त के साथ ही बिल कानून साजी में तब्दील हो गया है। पिछले पार्लियामेंट सेशन के दौरान 17 दिसंबर को राज्यसभा और अगले ही दिन लोकसभा से यह बिल पास हो गया था।
आईन (संविधान) के जानकार सुभाष कश्यप के मुताबिक अब कानून को वज़ार कानून के पास भेजा जाएगा, जहां इसके लिए नियम बनाए जाएंगे। इन नियमों के साथ कानून सरकारी तौर पर गजट में शाय करने के लिए भेजा जाएगा। शाय होने की तारीख से लोकपाल कानून लागू हो जाएगा। उसके एक साल के अंदर मरकज़ी सतह पर लोकपाल और रियासती सतह पर लोकायुक्त नामी इदारे कायम किये जाएंगे। कानून तभी से अमली तौर पर अमल में आ जाएगा।
इस कानून के तहत दस मेम्बर्स वाले लोकपाल का मंतखिब जिस कमीशन के जरिए होगा, उसमें वज़ीर ए आज़म, लोकसभा स्पीकर , लोकसभा में अपोजिशन के लीडर, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और एक सीनीयर जज शामिल होंगे। इस कानून के लागू होने के बाद जांच एजेंसी सीबीआइ भी सीधे हुकूमत की हिदायत पर काम करने की बजाय इसके तहत काम करेगी। लोकपाल के लिए आंदोलन करने वाले अन्ना हजारे ने भी इस कानून पर इत्मिनान ज़ाहिर किया है। हालांकि आम आदमी पार्टी के लीडर अरविंद केजरीवाल ने इसे नाकाफी बताते हुए कहा था कि इससे चूहा भी जेल नहीं जाएगा।