लोकसभा चुनाव से पहले BSP ने किया बड़ा बदलाव, युवाओं को शामिल करने के लिए लगाएगी शिविर!

इस साल 2 अप्रैल को ‘भारत बंद’, रोहित वेमुला की आत्महत्या और 2016 में ऊना में दलित युवाओं की पिटाई को लेकर दलित युवाओं ने बड़ी संख्या में सड़क पर उतरकर आंदोलन किया। दलित युवाओं की सक्रियता को देखते हुए बसपा ने अपने संगठन में युवाओं को शामिल करने का फैसला किया है।

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक बसपा ने रविवार को दिल्ली के विश्वासनगर विधानसभा क्षेत्र में युवाओं के लिए ‘कैडर शिविर’ आयोजित किया।

इस तरह के शिविर को जिले, लोकसभा और विधानसभा स्तर पर आयोजित करने का बसपा ने योजना बनाई है। इतना ही नहीं 35 साल तक की उम्र के युवाओं को पार्टी संगठन में 50 फीसदी शामिल करने का भी फैसला किया है।

बीएसपी के दिल्ली चीफ कोऑर्डिनेटर महेश आर्य ‘कैडर शिविर’ के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा कि बसपा एक राष्ट्रीय पार्टी है और देश में युवा बड़ी संख्या में हैं। ऐसे में पार्टी ने फैसला किया है कि 35 साल तक के युवाओं को पार्टी संगठन में भागीदारी दी जाएगी।

उत्तर प्रदेश में बसपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि युवाओं को बूथ से लेकर सेक्टर और जोन स्तर पर पार्टी के विभिन्न टीमों में 50 फीसदी पदों पर उनकी क्षमताओं के अनुसार पद दिए जाएंगे।