नई दिल्ली: लोकसभा में आज रेलवे के बिल और अनुपूरक मांगों मुद्रास्फीति को स्वीकार कर लिया गया। वर्ष 2017-18 के लिए रेलवे का निपटान बिल और अन्य लागत 1,31,000 करोड़ रुपये है। कहा गया है कि वर्ष 2013 – 14 के अतिरिक्त अनुदान मांगों और वर्ष 2016-17 के साइड मांग मुद्रास्फीति को भी सदन में वोट से मंजूरी दी गई है।
कुल मिलाकर वर्ष 2017-18 के लिए रेल में 1,31,000 करोड़ लागत की योजना है। यह पिछले साल की लागत से आठ प्रतिशत अधिक है। पिछले साल की लागत 1,21,000 करोड़ के थे। रेलवे वर्ष 2017-18में खर्च 1,78,350 करोड़ रुपये रहने की संभावना है। इसमें पिछले साल की तुलना में इस बार नौ फीसदी का इजाफा हो रहा है।
गौरतलब है कि इस बार केंद्र सरकार ने रेल बजट को अलग पेश करने की परंपरा को खत्म करते हुए इसे आम बजट में ही विलय कर दिया था और इस साल पहली बार रेलवे के खर्च को आम बजट में शामिल करते हुए पेश किया गया था जिसे अब लोकसभा सभा की मंजूरी मिल गई है।