राजीव गांधी के कातिलों की रिहाई का मुद्दा गुरुवार को लोकसभा में भी उठा। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन में कहा कि तमिलनाडु सरकार की इन कातिलों को रिहा करने की मंशा दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा, अगर तमिलनाडु सरकार राजीव गांधी के कातिलों को रिहा करने की बात करती है तो इससे ज्यादा बुरा कुछ और नहीं हो सकता है, देश की एकता के लिए ऐसे लोगों को रिहा करने लिए आए खत का सरकार को जवाब बिल्कुल नहीं देना चाहिए।
जाहिर है कि बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कातिलों को छोड़ने के लिए तमिलनाडु की CM जय जयललिता ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को खत लिखा था।
पत्र में कहा गया था कि इन कातिलों ने 24 साल से ज्यादा की सजा काट ली है, इंसानियत आधार पर इन तथ्यों को देखते हुए अब रिहा कर देना चाहिए।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सबसे ऊपर है, उन्होंने कहा, तमिलनाडु सरकार का खत मिला है, उसपर गौर किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला मानना हमारा संवैधानिक जिम्मेदारी है।
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