लखनऊ: गवर्नर उतरपरदेश राम नायक ने आज लोकायुक्त के तक़र्रुर के लिए रियासती हुकूमत की फाईल को वापिस कर दिया और कहा कि वो काबीना की सिफ़ारिशात को क़बूल करने के लिए तैयार नहीं हैं। गवर्नर ने रियासती हुकूमत को हिदायत दी कि वो जस्टिस ( रिटायर्ड ) रवींद्र सिंह के मासिवा दीगर के नाम की तजवीज़ पेश करे ताकि इस तरीक़ेकार को पूरा करलिया जा सके।
गवर्नर ने काबीना की फाईल वापिस करते हुए कहा कि वो लोक ए वक़्त के तक़र्रुर के अमल में हुकूमत के अपने फैसला को क़बूल करने के पाबंद नहीं है क्यों कि लोक ए वक़्त के तक़र्रुर के मुआमला में काबीना का कोई रोल नहीं होगा । गवर्नर ने चीफ मिनिस्टर अखिलेश यादव को मकतूब रवाना करते हुए उनकी नक़ल अपोज़ीशन लोकायुक्त लीडर स्वामी प्रसाद मयुरिया और हाइकोर्ट चीफ जस्टिस को भी रवाना की है और उनसे तवक़्क़ो ज़ाहिर की है कि वो लोकायुक्त के लिए दूसरा नाम तजवीज़ करके रवाना करें।
जस्टिस ( रिटायर्ड ) रवींद्र सिंह की बजाय किसी और नाम पर ग़ौर किया जाएगा। इस सिलसिले में सुप्रीमकोर्ट की हिदायात को मलहूज़ रखा गया है। लोकायुक्त के तक़र्रुर के लिए दस्तूरी तक़ाज़ों को पूरा करना ज़रूरी होता है। अपोज़ीशन लीडर के मुताबिक़ लोकायुक्त किसी नाम की तजवीज़ पर इत्तेफ़ाक़ राय यह तबादला-ए-ख़्याल नहीं किया गया इस बारे में इंतेख़ाबी कमीशन के अरकान भी लाइल्म हैं ।
चीफ जस्टिस रवींद्र सिंह के ताल्लुक़ से ये राय है कि वो हुक्मराँ पार्टी से क़ुरबत रखते हैं इस लिए लोकायुक्त काम पर-असर पड़ेगा । उनके नाम की सिफ़ारिश नामुनासिब है।