छोटे छोटे मुक़द्दमात कई सालों से ज़ेर उल तवा है इन केसों की यकसूई के लिए दरमयानी तौर पर हल किया जाये तो केसों की यकसूई मुम्किन है इन ख़्यालात का इज़हार हाईकोर्ट जज सीता पति ने किया । हाईकोर्ट जज ने गुज़श्ता दो रोज़ से ज़िला कोर्ट में दो रोज़ से जारी इजलास के इख़तेतामी तक़रीब से मुख़ातब थे ज़िला कोर्ट में गुज़श्ता दो रोज़ से केसों की यकसूई के लिए मुतबादिल क़ानूनी नकात पर मुनाक़िदा जलसा से मुख़ातिब करते हुए जज सीता पति ने कहा कि दरमयानी अफ़राद की कोशिश के ज़रीया केसों की यकसूई मुम्किन है दरख़ास्त गुज़ार की रजामंदी से ही सुलह किया जा सकता । मुल्क भर में 3 करोड़ मुक़द्दमात ज़ेर उल तवा है दरमयानी अफ़राद की कोशिशों के ज़रीया मुक़द्दमात की यकसूई के लिए मुल़्क की अज़ीम तर अदालत कोशिश कर रही है ।सियोल , क्रीमिनल मुक़द्दमात की यकसूई के लिए जज्स वुकला के ज़रीया सुलह की कोशिश करने की सूरत में ज़ेर उल तवा मुक़द्दमात में कमी के इम्कानात हैं लोक अदालत डिस्ट्रिक्ट लीगल सेल के ज़रीया मुक़द्दमात की यकसूई की जा रही है ।मेघा लोक अदालत से भी मुक़द्दमात में कमी हुई है निज़ामाबाद की अदालत का ज़िक्र करते हुए कहा कि इनके आबाई मुक़ाम की याद ताज़ा हो रही है ।
वुकला में शऊर बेदार के लिए मुनाक़िदा इजलास से ज़िला जज नौ मोहन राव ने सदारत की ।ज़िला लीगल सेल सेक्रेटरी सत्य ना रावना,जज़्स परताब कुमार, शंकरिया , रमेश, गवारी देवी , सीनीयर सियोल जज-ओ-डिस्ट्रिक्ट लीगल सेल सेक्रेटरी श्री निवास, शिव राम, वुकला के इलावा अस्सिटेंट लेबर कमिशनर श्याम सुंदर जैन और दीगर भी मौजूद थे