हुकूमत लोक पाल, सी वी सी और दीगर क़ानूनी ओहदेदारों के ओहदों पर तक़र्रुत का फैसला करने के लिए मुक़र्ररा क़वाइद-ओ-ज़वाबत की पाबंदी करेगी। इन का इंतेख़ाब करते वक़्त भी इन क़वाइद को पेशे नज़र रखा जाएगा। उन्हें इवान ज़ीरीं की जानिब से नामज़द नहीं किया जाएगा।
मुस्लिमा क़ाइद अपोज़िशन की लोक सभा में अदमे मौजूदगी से अहम क़ानूनी इदारों में तक़र्रुत की कार्रवाई में रुकावट पैदा होरही है। महिकमा पर्सोनल-ओ-ट्रेनिंग लोक पाल, सैंटर्ल वेजलनस कमिशनर और सैंटर्ल इन्फॉर्मेशन कमिशनर के अलावा दीगर ओहदेदारों के तक़र्रुर का इख़तियार रखता है।
इस ने लोक सभा की सैक्रेटरी को मकतूब रवाना करते हुए मालूमात तलब किए हैं कि क़ाइद अपोज़िशन का ओहदा मख़लवा होने की सूरत में तक़र्रुत का तरीका-ए-कार क्या होगा?