नई दिल्ली, ३१ दिसम्बर: (पी टी आई) आर जे डी रुकन पार्लीमान राजनीति प्रसाद जिन्हें राज्य सभा में लोक पाल बिल की नक़ल को फाड़ते हुए देखा गया था, ने आज एक अहम ब्यान देते हुए कहाकि आर जे डी और कांग्रेस के माबैन लोक पाल बिल पर क़ानूनसाज़ी के लिए वोटिंग से दूर रहने की कोई मैच फिक्सिंग नहीं थी और उन की जानिब से जो भी रद्द-ए-अमल लोगों ने देखा वो महिज़ एक वक़्ती जज़बा था।
उन्हों ने जो कुछ किया इस का उन्हें कोई अफ़सोस या पछतावा नहीं है (लोक पाल बिल की नक़ल फाड़ने का) याद रहे कि मिस्टर प्रसाद आर जे डी के सदर लालू प्रसाद के क़रीबी साथी तसव्वुर किए जाते हैं। उन्हों ने पी टी आई से बात करते हुए कहाकि राज्य सभा में लोक पाल बिल पर कांग्रेस और आर जे डी में कोई मैच फिक्सिंग नहीं थी जैसा कि इल्ज़ामात आइद किए जा रहे हैं।
बिल के ख़िलाफ़ मेरा वो रद्द-ए-अमल लम्हाती था जो शदीद ग़ुस्सा के आलम में था लिहाज़ा मुझे इस पर कोई अफ़सोस नहीं है। इन की पार्टी के एक और साथी राम कृपाल यादव ने भी तक़रीबन यकसाँ एहसासात का इज़हार किया। यादव ने अपने ख़्यालात का इज़हार करते हुए कहाकि स्लेक्शन कमेटी में ग़ैर अदलिया के सिर्फ 4 अरकान की मौजूदगी में एस सी / एस टी / ओ बी सी / अक़ल्लीयतों और ख़वातीन पर तहफ़्फुज़ात का इतलाक़ किस तरह होगा।
ये पूछे जाने पर जब हुकूमत कोई इतमीनान बख़श जवाब देने में नाकाम होगई तो हमारे सब्र का पैमाना लबरेज़ होगया और हम रद्द-ए-अमल दिखाने के लिए बेचैन हो गई। उन्हों ने कहा कि आर जे डी लोक पाल की मौजूदा शक्ल के ख़िलाफ़ अपना एहतिजाज मुस्तक़बिल में भी जारी रखेगी।