वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने अवाम से अपील की कि इंतिशार पसंद और ख़ुदग़रज़ ताक़तों को यकसर मुस्तर्द कर दिया जाये ताकि पारलीमानी जमहूरीयत को इस के हक़ीक़ी जज़बा के साथ काम करने का मौक़ा मिले।
हम को मुत्तहिद होकर रियासत में 30 अरकाने पार्लियामेंट की नशिस्तें जीतनी होंगी ताकि हम वाई एस आर के सुनहरे दौर का अहया करसकें जिन्होंने रियासत की बहबूद-ओ-तरक़्क़ी को नया मुकाम दिया था।
यहां वाई एस आर के मुजस्समा की निक़ाब कुशाई के बाद जल्सा-ए-आम से ख़िताब करते हुए जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि वाई एस आर की मौत के बाद जिन्होंने कई बहबूदी सकीमात का आग़ाज़ किया था ये समाज के हर तबक़ा के लिए समर आवर थीं लेकिन यहां सियासी निज़ाम को बहुत अबतर हालत में पहूँचा या गया है।
सियासी क़ियादत हमेशा ज़ाती मुफ़ादात और फ़वाइद की पूजा करती रही है।वोट और सीट लेकर अवाम की बहबूद को नज़रअंदाज कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी अपने फ़र्ज़ंद राहुल गांधी को वज़ीर-ए-आज़म बनाने की ग़रज़ से रियासत को तक़सीम कराना चाहती हैं। उन्हें चीफ़ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी और अप्पोज़ीशन लीडर चंद्राबाबू नायडू की ताईद हासिल है।
ये लोग रियासत को बहरहाल बरबद करना चाहते हैं। 70 फ़ीसद आबादी इस तक़सीम की मुख़ालिफ़ है। असेंबली में अवाम के मसाइल पर ग़ौर-ओ-ख़ौज़ नहीं होरहा है।
पकवान गैस, बर्क़ी शरहों में इज़ाफ़ा, पानी की क़िल्लत और दुसरे मसाइल जिस से अवाम की अक्सरीयत मुतास्सिर होरही है उन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। दिन बह हालात अबतर होरहे हैं और हुकूमत को तेलंगाना बिल पर बेहस की फ़िक्र है।