लोक सभा में आख़िरी इजलास हक़ीक़ी काम का दिन

पंद्रहवीं लोक सभा के आख़िरी दिन हक़ीक़ी माअनों में काम अंजाम दिए गए। 13रोज़ा तो सेवी सरमाई इजलास में ये पहला मौक़ा था जबकि ऐवान में वकफ़ा-ए-सवालात मुनाक़िद किया गया। वकफ़ा-ए-सवालात आम तौर पर इंतेहाई अहम समझा जाता है क्योंकि अरकान इस से इस्तिफ़ादा करते हुए हुकूमत से चुभते हुए सवालात करते हैं।

लेकिन तेलंगाना और दीगर सुलगते हुए मसाइल पर शोर-ओ-गुल की वजह से ये सिर्फ़ एक रस्मी कार्रवाई बन गई थी। कल तेलंगाना की तशकील की पार्लियामेंट की जानिब से मंज़ूरी के बाद ऐवान-ए-ज़ेरीं में काम मामूल पर आगया। पार्लियामेंट ने कल तशकील तेलंगाना की मंज़ूरी दी है। सीमा आंध्रा के बाज़ अरकान भी जिन्हें गुज़श्ता हफ़्ते ऐवान से मुअत्तल कर दिया गया था, मुअत्तली की मुद्दत की तकमील पर आज ऐवान में मौजूद थे।