लोक सभा में आज हुसूल अराज़ी क़ानून का मुसव्वदा मंज़ूरी और बहस केलिए पेश कर दिया गया। यू पी ए की हलीफ़ समाजवादी पार्टी ने इस बिल पर तन्क़ीद की।
इस के इलावा अपोज़ीशन पार्टीयों ने क़ानून की मुख़्तलिफ़ दफ़आत पर एतराज़ात किए। एतराज़ करने वालों में समाजवादी पार्टी, बी जे पी, बी एस पी, सी पी आई और टी एम सी ने इन पहलू पर एतराज़ किया। जैसे कि काश्तकारों केलिए मुनासिब मुआवज़ा की अदायगी और काश्तकारों का हक़ इस क़ानून में ज़मीन के मालिकों को मुंसिफ़ाना और जायज़ मुआवज़ा अदा करने की गुंजाइश फ़राहम की गई है।
मुलाइम सिंह यादव ने काश्तकारों की ज़मीन के हुसूल की ज़रूरत पर एतराज़ करते हुए कहा कि ये क़ानून काश्तकारों को तबाह-ओ-बर्बाद करदेगा। मुबाहिस में शिरकत करते हुए उन्होंने कहा कि काश्तकारों के पास ज़मीन के सिवा और किया है? उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी यू पी ए हुकूमत को बाहर से ताईद फ़राहम कररही है लेकिन हुसूल केलिए तरी और ज़रख़ेज़ ज़मीनों को निशाना क्यों बनाया जा रहा है।
अगर काश्तकार अपनी ज़मीन फ़रोख़त करता है तो उसे काफ़ी क़ीमत हासिल नहीं होती। उन्होंने कहा कि इंतिहाई ज़रूरी होने की सूरत में ही ज़मीन हासिल की जानी चाहिए वर्ना ये एक ग़ैर तामीरी हरकत होगी। मुबाहिस का आग़ाज़ करते हुए सदर बी जे पी राजनाथ सिंह ने कहा कि क़ानून में कई मशकूक दफ़आत शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ये अंदेशा बरक़रार है ज़बरदस्ती हुसूल अराज़ी जारी रहेगी।