लोगों की जेब काट किसानों की मदद करने आया मोदी सरकार का कृषि कल्याण टैक्स

नई दिल्ली: देश के अच्छे दिन के चक्कर में बीजेपी सरकार के खुद के बुरे दिन आ गए लगता है। देश के किसानो से किये झूठे वादों को खुद पूरा न कर सकी बीजेपी सरकार तो अब देश के लोगों के सिर से किसानों को मदद मुहैया करवाई जायेगी। इससे पता चलता है कि जिस देश में सरकार भूखमरी से जूझ रही हो, आम जनता की मदद करने में असमर्थ हो उनसे हम देश के विकास की क्या उम्मीद लगा सकते हैं।  सूखे और कर्ज से जूझ रहे किसानो की आत्महत्या की खबरों से सरकार को कोई फर्क पड़े या न आम जनता जरूर दुखी हो रही है। किसानों और जनता के इस इस दुःख का फायदा उठाने की भी बीजेपी  ने सोच-समझ कर एक चाल खेली है। किसानों की मदद करने में नाकामयाब हुई बीजेपी सरकार अब आम जनता का सिर मुंड कर किसानो की मदद करेगी। जिसके लिए मोदी सरकार  आज से, ट्रेवल, इंटरनेट, आपके फोन का बिल, रेस्टॉरेंट में खाना, सिनेमा, मेडिकल, बैंकिंग लेनदेन खाने और यात्रा के नए कृषि कल्याण टैक्स में लात मार के साथ महंगा करने जा रही है।  वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस बजट है, जो सभी कर योग्य सेवाओं पर 0.5% से कम है में कृषि कल्याण टैक्स का प्रस्ताव किया था। नए प्रभावी सर्विस टैक्स अब से 15% हो सकता है।
कृषि कल्याण टैक्स की आय को खासतौर से कृषि और किसानों के कल्याण के सुधार से संबंधित समस्याओं के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। कहा तो यही जा रहा है और किसानों की मदद के नाम पर लोग इसे ख़ुशी से अपना भी लेंगे लेकिन क्या सरकार इसे सही मायनो में किसानों की ही मदद करने पर लगाएगी इस पर जरा शक के सवाल उठ रहे हैं। अगर लोगों के पैसे से ही लोगों  की मदद करना चाहती है सरकार तो जाहिर है कि तभी विदेशों के बैंकों में हमारे देश के नेताओं के नाम पर काला धन जमा हैं।