नई दिल्ली: बसपा अध्यक्ष मायावती ने अपने खिलाफ भाजपा नेता दया शंकर सिंह के आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में जारी प्रदर्शनों के बीच गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि समाज के कमजोर वर्ग के लोग उन्हें देवी के रूप में देखते हैं। अगर कोई उनकी देवी के बारे में गलत बोलेगा तो वह विरोध जरूर करेंगे।
मायावती ने कहा कि समाज के कमजोर वर्ग के लोग पार्टी राजनीति के स्तर से ऊपर उठकर मेरी इज्जत करते हैं। वह मुझे देवी के रूप में देखते हैं। आप उनके देवी के बारे में कुछ गलत बोलेंगे तो उन्हें बुरा लगेगा और वह मजबूरन विरोध करेंगे।
मायावती ने कहा कि भाजपा ने दया शंकर को पार्टी से निकाल कर अच्छा काम किया, लेकिन बेहतर होता कि भाजपा दया शंकर के खिलाफ खुद ही प्राथमिकी दर्ज कराते। इस बीच पार्टी ने दया शंकर की गिरफ्तारी के लिए 36 घंटे का अल्टीमेटम दिया है।
बसपा प्रमुख ने कहा कि मैंने इस मामले में प्रदर्शन के लिए नहीं कहा। भाजपा नेता की टिप्पणी इतना खराब था कि समाज के कमजोर तबके के लोग खासकर दलितों ने खुद ही इसका विरोध किया। मैं उन्हें नहीं रोक सकती। लेकिन मैं उन्हें विश्वास दिलाना चाहती हूं कि अपने अधिकारों के लिए लड़ती रहूंगी।
उल्लेखनीय है कि भाजपा ने इस मामले पर प्रत्येक फजीहत का सामना करने के बाद सिंह को छह वर्षों के लिए पार्टी से निकाल दिया है। पुलिस ने इस मामले में पूर्व भाजपा नेता के खिलाफ एस सी / एस टी एक्ट के तहत मामला भी दर्ज कर लिया है। दया शंकर सिंह ने मंगलवार को कहा था कि बसपा प्रमुख मायावती पैसा लेकर टिकट बांटती हैं और इस मामले में उनके खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।