लोधी की बरतर्फ़ी केख़िलाफ़ दरख़ास्त, ज़रदारी और गिलानी से जवाब तलबी

ईस्लामाबाद, १९ जनवरी (पी टी आई) पाकिस्तान की एक अदालत ने साबिक़ मोतमिद दिफ़ा ख़ालिद नईम लोधी की जानिब से उन की बरतर्फ़ी को चैलेंज करते हुए दायर कर्दा दरख़ास्त पर सदर और वज़ीर-ए-आज़म से जवाब तलब की है।

ईस्लामाबाद हाइकोर्ट के जस्टिस रियाज़ ख़ां ने सदर, वज़ीर-ए-आज़म और सेक्रेटरी इदारा जात और मौजूदा मोतमिद दिफ़ा से लोधी की दरख़ास्त पर जवाबतलब करते हुए इस मुक़द्दमा की समाअत को फरवरी के दूसरे हफ़्ता तक मुल्तवी कर दिया।

फ़ौज के सरबराह जनरल इशफ़ाक़ परवेज़ क्यानी के क़रीबी साथी लोधी को वज़ीर-ए-आज़म यूसुफ़ रज़ा गिलानी ने मेमो गेट स्कैंडल पर फ़ौज और हुकूमत में बड़े पैमाने पर बदगुमानियां पैदा करने और बे ज़ाबितगियों के इल्ज़ामात के तहत बरतर्फ़ करदिया था।

मेमो गेट स्कैंडल में ये इन्किशाफ़ हुआ था कि पाकिस्तान ने गुज़श्ता साल फ़ौजी बग़ावत से बचने के लिए अमेरीका से मदद तलब की थी। मिस्टर लोधी ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाख़िल करने के बाद मिस्टर गिलानी का इताब मोल लिया था।

इस हलफनामा में दावा किया गया था कि फ़ौज और ए आई आई की कारकर्दगी पर हुकूमत का कंट्रोल नहीं होता। मिस्टर लोधी ने अपनी दरख़ास्त में ये दावा भी किया था कि उन्हें अपना मौक़िफ़ वाज़िह करने का मौक़ा दिए बगै़र ही बरतरफ़ करदिया गया था। इन के वुकला ने अदालत से दरख़ास्त की है कि मिस्टर लोधी की बरतर्फ़ी के लिए हुकूमत की तरफ़ से जारी कर्दा अहकाम को कुलअदम और नाजायज़ क़रार दिया जाए।