लोन रिकवरी के लिए विजय माल्या पर कसता चला जा रहा है बैंकों का शिकंजा।

नई दिल्ली: यूबी ग्रुप के प्रमोटर विजय माल्या की मुसीबतें और बढ़ती हुई नजर आ रही है। माल्या के पीछे बैंक हाथ धोकर पड़ गए हैं।   माल्या ने  दिल्ली हाई कोर्ट में जो अर्जी दायर की थी कोर्ट ने उसे सुनने से भी साफ़ इन्कार कर दिया है जिसके चलते उन्हें कहीं से राहत मिलती नहीं दिख रही है।  इस मामले में एसबीआइ ने बीते दिन डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल  में अर्जी देकर माल्या की गिरफ्तारी और उनका पासपोर्ट जब्त करने की मांग की थी। इस मामले में  माल्या ने भारतीय स्टेट बैंक की तरफ से उन्हें विलफुल डिफाल्टर घोषित करने के फैसलें को कोर्ट में चुनौती देते  एक अर्जी दायर की थी  जिसे कोर्ट ने भी खारिज कर दिया।

  सूत्रों से मिली खबर से पता चला है कि कि किंगफिशर पर सभी बैंकों का करीब 7,800 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है।  पंजाब नेशनल बैंक समेत कई और बैंक भी पहले ही उन्हें विलफुल डिफॉल्टर करार दे चुके हैं। सुनवाई कर रही पीठ ने माल्या के वकील से कहा कि इस मसले को लेकर उचित फोरम के पास जाएं। अदालत कारुख देखते हुए वकील ने अर्जी वापस ले ली। माना जा रहा है कि माल्या अब बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। किंगफिशर एयरलाइंस को दिए गए इस कर्ज को नहीं चुकाने का मामला लेकर बीते दिन एसबीआइ डीआरटी, बेगलुरु में पहुंच गया।