वक़्त की ज़रूरत है कि मुसलमान और मुस्लिम संस्थाएं एक हो जाएं– जमात-ए- इस्लामी

आज के दौर में अगर देश के मुसलमानों ने अपने हक़ों और अपने आपको महफूज़ रखना है तो उसके लिए उन्हें एक होने की ज़रूरत है। मुस्लिम समुदाय और मुस्लिम संगठनों के लिए जरूरी है की वो लोगों को जोड़ें और सांझी विचारधारा को ज़िंदा रखें।

देश की मुस्लिम विरोशि ताकतों ने हमेशा से ही देश के लोगों को अलग-अलग खेमों में बाँट कर उन्हें ख़त्म करने की चाल चली है। यही हथकंडा आज Facebook पे हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करियेमुसलमानों पर भी अपनाया जा रहा है। देश को धर्म के नाम पर खून से रंगने पर तुले यह लोग कुछ भी कर सकते हैं। ऐसे लोगों से हथियार के वार से नहीं बल्कि एकता से हराया जा सकता है।

यह बात कही है जमात-ए-इस्लामी के आंध्र और ओडिशा के पूर्व आमीर मौलाना खाजा अरिफुद्दीन ने जोकि जमात-ए-इस्लामी के चौमाही मीटिंग में हिस्सा लेने पहुंचे थे।

मौलाना ने कहा की जब तक लोग दुसरे लोगों से मतभेद दूर नहीं कर लेते तब तक वो लोगों को इस्लाम का असल मतलब नहीं समझा सकते। यह बिलकुल ऐसा ही कि जब एक पति ही ठीक नहीं होगा तो वो अपने परिवार को ठीक कैसे रख पाएगा।

इसके इलावा महिलाओं के बारे में बात करते हुए मौलाना इल्यास खान ने कहा कि पैगम्बर मोहम्मद को औरतों पर अत्याचार बिलकुल भी पसंद नहीं थी। उन्होंने मुस्लिम महिलओं को इस्लाम को जानने और इस्लाम के बारे में पढ़ाई करने के लिए आगे आने की बात भी कही।