वक़्फ़ अराज़ी को हुकूमत से वापिस लेने शेख मुहम्मद इक़बाल की मसाई

हुकूमत की तहवील में मौजूद औक़ाफ़ी आराज़ीयात को वापिस लेने के लिए स्पेशल सेक्रेट्री अक़लीयती बहबूद आंध्र प्रदेश शेख मुहम्मद इक़बाल ने मसाई का आग़ाज़ किया है। तशकील वक़्फ़ बोर्ड से क़ब्ल हुकूमत की जानिब से तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में हज़ारों एकड़ वक़्फ़ अराज़ी को उस वक़्त की हुकूमतों ने अपनी तहवील में ले लिया था और आज इन कीमती आराज़ीयात के मुआवज़ा के तौर पर माहाना 10 ता 20 रुपये अदा किए जा रहे हैं।

स्पेशल सेक्रेट्री आंध्र प्रदेश शेख मुहम्मद इक़बाल ने आज प्रेस कान्फ़्रैंस से ख़िताब करते हुए इन तल्ख़ हक़ायक़ का इन्किशाफ़ किया और कहा कि वो आंध्र प्रदेश में इस तरह की आराज़ीयात की निशानदेही का आग़ाज़ कर चुके हैं। बहुत जल्द तमाम ज़िला क्लेक्टर्स को मकतूब रवाना करते हुए इन आराज़ीयात को वापिस करने की ख़ाहिश की जाएगी जिन्हें 1954 में वक़्फ़ बोर्ड की तशकील से क़ब्ल हुकूमत ने हासिल कर लिया था।

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में इस तरह की हज़ारों एकड़ कीमती अराज़ी की निशानदेही की गई है। प्रेस कान्फ़्रैंस में मौजूद चीफ एग्ज़ीक्युटिव ऑफीसर वक़्फ़ बोर्ड सुल्तान मही उद्दीन ने एतराफ़ किया कि हैदराबाद और तेलंगाना के दीगर इलाक़ों में इस तरह की कीमती आराज़ीयात हुकूमत की तहवील में हैं।

एक सवाल के जवाब में शेख मुहम्मद इक़बाल ने कहा कि वक़्फ़ का तसव्वुर कोई नया नहीं है बल्कि हुज़ूर अकरम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम के ज़माना से ये तसव्वुर पाया जाता है।

उस वक़्त से आज तक वक़्फ़ की गई जायदादों और आराज़ीयात का शुमार बहैसियत वक़्फ़ ही होगा। लिहाज़ा वक़्फ़ बोर्ड की अदमे मौजूदगी से आज़ादी से क़ब्ल वक़्फ़ की गई आराज़ीयात वापिस लेने में कोई रुकावट नहीं है।