वक़्फ़ आमदनी एक साल में 2000 करोड़ करदेने का अज़म(इरादा)

कमिशनर अक़लीयती बहबूद और स्पेशल ऑफीसर वक़्फ़ बोर्ड जनाब शेख़ मुहम्मद इक़बाल आई पी एस ने इस अज़म का इज़हार किया कि उन्हें एक बरस तक औकाफ़ी जायदादों के तहफ़्फ़ुज़ की ज़िम्मेदारी दी गई तो वो वक़्फ़ बोर्ड की आमदनी को 2000 करोड़ सालाना तक पहुंचा देंगे।

शेख़ मुहम्मद इक़बाल को हुकूमत ने 19 दिसंबर 2013 को स्पेशल ऑफीसर वक़्फ़ बोर्ड मुक़र्रर किया। इस ओहदा पर एक माह के अर्सा में उन्हों ने बाअज़ अहम औकाफ़ी जायदादों के तहफ़्फ़ुज़ के लिए क़दम उठाए हैं।

अपनी एक माह की कारकर्दगी के बारे में नुमाइंदा सियासत से बात करते हुए शेख़ मुहम्मद इक़बाल ने कहा कि वक़्फ़ जायदादों के बेहतर इस्तेमाल से वक़्फ़ बोर्ड की आमदनी में इज़ाफ़ा किया जा सकता है जिस के ज़रीए अक़लीयतों की तालीमी , समाजी और मआशी तरक़्क़ी के लिए इक़दामात किए जा सकते हैं।

उन्हों ने कहा कि औकाफ़ी जायदादों के बेहतर इस्तेमाल से वक़्फ़ बोर्ड को हुकूमत की इमदाद की ज़रूरत नहीं पड़ेगी और वक़्फ़ बोर्ड ख़ुद इस मौक़िफ़ में होगा कि वो अक़लीयतों के लिए के जी सी जी कोर्सेस तक तालीमी इदारे क़ायम करे। उन्हों ने कहा कि वक़्फ़ बोर्ड ख़ुद म्यारी तालीमी इदारे चला सकता है।

उन्हों ने बताया कि एक माह के दौरान दो अहम औकाफ़ी जायदादों को वक़्फ़ बोर्ड की रास्त निगरानी में लिया गया है जिन में मदीना एजूकेशन सोसाइटी की इमारतें और मक्का मदीना अला उद्दीन वक़्फ़ के तहत जायदादें शामिल हैं।

उन्हों ने कहा कि औकाफ़ी जायदादों से हक़ीक़ी फ़ंड वक़्फ़ बोर्ड को हासिल हो तो कोई ग़रीब मुसलमान नाख़्वान्दा, मआशी पसमांदा नहीं रहेगा और कोई ग़रीब मुस्लिम लड़की बिन ब्याही नहीं रहेगी। उन्हों ने कहा कि जिन नेक मक़ासिद के तहत औकाफ़ी जायदादों को वक़्फ़ किया गया है उन के बेहतर इस्तेमाल को यक़ीनी बनाना हर मुसलमान की ज़िम्मेदारी है।