वक़्फ़ जायदाद तहफ़्फ़ुज़ बिल की राज्य सभा में पेशकशी

ओक़ाफ़ी जायदादों पर नाजायज़ क़बज़ा करने वालों को कम से कम एक साल की सज़ा और पाँच हज़ार रुपये जुर्माना या दोनों सज़ाएं देने से मुताल्लिक़ एक बिल कल‌ राज्य सभा में पेश किया गया।

ओक़ाफ़ी जायदादों से नाजायज़ क़ब्ज़ों को बर्ख़ास्त करने तेज़ रफ़्तार और मोस्सर तरीका-ए-कार की फ़राहमी के लिए ये बिल पेश किया गया है। वज़ीर‍-ए‍-अक़लियती उमूर के रहमान ख़ान ने ऐवान में ये बिल मुतआरिफ़ किया जिस की मंज़ूरी की सूरत में ओक़ाफ़ी जायदादों पर क़ब्ज़ों का मुक़द्दमा सिविल अदालतों के दायरा कार से ख़ारिज होजाएगा।

इस बिल के तहत वक़्फ़ स्टेट ऑफीसर को 1908 के दीवानी क़ानून के ज़ाबता के मुताबिक़ सिविल कोर्ट के इख़्तयारात दिए गए हैं। इस तरह स्टेट ऑफीसर को नाजायज़ क़ब्ज़ों की बर्ख़ास्तगी के लिए किसी भी शख़्स को तलब करने और इसका हलफ़िया बयान लेने का इख़तियार हासिल होगा।