वक़्फ़ बोर्ड में स्पेशल ऑफीसर की अदम मौजूदगी से काम काज ठप

रियासती वक़्फ़ बोर्ड के स्पेशल ऑफीसर की अदम मौजूदगी के बाइस ना सिर्फ़ बोर्ड का काम ठप हो चुका है तो दूसरी तरफ़ मुलाज़मीन की तनख़्वाहों की अदाएगी ख़तरा में पड़ चुकी है। अब जबकि माहे रमज़ानुल मुबारक का आग़ाज़ हो चुका है, वक़्फ़ बोर्ड से वाबिस्ता मुलाज़मीन कल एक जुलाई को तनख़्वाह की वसूली के बारे में अन्देशों का शिकार हैं।

तनख़्वाहों के लिए बैंक को चेक की इजराई का अख़्तियार स्पेशल ऑफीसर को है और फ़िलवक़्त ये ओहदा ख़ाली है। वक़्फ़ बोर्ड के ज़राए ने बताया कि स्पेशल ऑफीसर और चीफ एग्ज़ीक्यूटिव ऑफीसर की मुशतर्का दस्तख़तों के बाद ही बैंक मुलाज़मीन की तनख़्वाहें जारी करता है। हुकूमत ने तनख़्वाहों की अदाएगी के मसअले पर अभी तक कोई तवज्जा नहीं की जिस के बाइस मुलाज़मीन में तशवीश पाई जाती है।

बताया जाता है कि चीफ एग्ज़ीक्यूटिव ऑफीसर को सिर्फ़ एक लाख रुपये तक के उमूर में दस्तख़त का अख़्तियार है जबकि इस से ज़ाइद रक़म के लिए स्पेशल ऑफीसर की दस्तख़त ज़रूरी है।

18 जून को स्पेशल ऑफीसर वक़्फ़ बोर्ड की मीआद ख़त्म हो गई और शेख मुहम्मद इक़बाल आई पी इस 6 माह तक एस ओहदा पर ख़िदमात अंजाम देने के बाद कमिशनर अक़लीयती बहबूद के ओहदे तक महिदूद हो गए।

वक़्फ़ बोर्ड के ज़राए ने बताया कि स्पेशल ऑफीसर ने छः माह के दौरान जो कार्यवाहीयां अंजाम दी थीं, उन की सरगर्मियां अब मान्द पड़ चुकी हैं। हुकूमत को चाहीए कि जल्द अज़ जल्द क़ानूनी रुकावटों की इस्लाह करते हुए स्पेशल ऑफीसर का तक़र्रुर करे।