दहशतगर्द तंजीम ‘इंडियन मुजाहिदीन’ के मोस्ट वांटेड दहशतगर्द समस्तीपुर का रहने वाला तहसीन अख्तर उर्फ मोनू जल्द ही एनआइए की गिरफ्त में होगा। खुफिया एजेंसी आइबी और एनआइए को तहसीन के बारे में पुख्ता इत्तिला हासिल हो चुकी हैं।
खुफिया ज़राये की मानें तो किसी भी वक़्त तहसीन की गिरफ्तारी हो सकती है। एनआइए ने तहसीन अख्तर पर दस लाख रुपये का इनाम ऐलान कर रखा है।
पाकिस्तानी दहशतगर्द जियाउर रहमान उर्फ वकास के साथ-साथ तहसीन की हर सरगरमियां खुफिया एजेंसी रिकॉर्ड कर रही थी। पटना व बोधगया धमाके का मुल्ज़िम व औरंगाबाद के रहने वाले हैदर भी जल्द ही एनआइए की पकड़ में होगा।
वकास की गिरफ्तारी के लिए एनआइए की टीम ने गुजिशता दिनों कई बार दरभंगा, मधुबनी और मुजफ्फरपुर में छापेमारी की थी लेकिन हर बार वह छापेमारी से पहले मौके से फरार होने में कामयाब रहा। ज़राये बताते हैं कि उसने मुजफ्फरपुर के बिंदेश्वरी कंपाउंड मोहल्ले में वाकेय अहमद लॉज में तकरीबन एक माह तक तालिबे इल्म की शकल में रहा। वह जिस कमरे में रहता था उस कमरे में मोतिहारी का एक तालिबे इल्म उसका रूम पार्टनर था। एनआइए को जब इसकी भनक लगी तो उसने अहमद लॉज में छापेमारी की लेकिन इससे तीन दिन पहले ही मौके से भागने में कामयाब हो गया। बतौर तालिबे इल्म वकास दरभंगा के भी कई मोहल्लों में रह चुका है और वहां रहते हुए उसने जुनूबी बिहार के 40 नौजवानों को दहशतगर्द की ट्रेनिंग भी दी है। अब एनआइए की टीम उन 40 नौजवानों की टोह में है, जिसे उसने दहशतगर्द का सब्जेक्ट पढ़ाया था।
आइइडी बनाने में है महारथ हासिल
ज़राये के मुताबिक वकास को नेपाल के रास्ते भारत लाने वाला मोनू ही था। वकास पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ की मदद से साल 2010 के सितंबर में काठमांडु पहुंचा था। वहां से वे दोनों मधुबनी के रास्ते बिहार व भारतीय सरहद में दाखिल किये। वकास लश्कर ए तैयबा के उन दहशतगर्दों में शामिल है, जिन्हें पाकिस्तान के वजीरिस्तान में दहशतगर्दी तरबियत कैंप में हाइड्रोजन पैरा ऑक्साइड, पोटेशियम क्लोराइड और अमोनियम नाइट्रेड की मदद से आइइडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बनाने में महारथ हासिल हैं। बताया जाता है कि वकास पाकिस्तान में बैठे रियाज भटकल व इकबाल भटकल से भारत में दहशतगर्दी सरगरमियों के लिए इक़्तेसादी मदद पहुंचाने का सोर्स भी है।