वक्फ की जायदाद का एक साल में सर्वे

रियासती हुकूमत रियासत के वक्फ की जायदाद का दोबारा तजवीज करने जा रही है। इसके लिए वक्फ जायदाद का सर्वे किया जायेगा। सर्वे काम एक साल में पूरा करेगा। इसके लिए महकमा के प्रिन्सिपल सेक्रेटरी व्यास जी को वक्फ सर्वे कमिश्नर बनाया गया है। रियासत के तमाम जिलों के ज़मीन बेतारी नायब समाहर्ता को अस्सीस्टेंट कमिश्नर बनाया गया है।

आमदनी और ज़मीन बेहतरी महकमा की तरफ से जारी हिदायत में कहा गया है कि वक्फ में वे तमाम जायदाद आयेंगे, जो तहरीरी या जुबानी मजहबी, पाक या डोनेट के इस्तेमाल के लिए वक्फनामा के जरिये से डोनेट किया गया हो। ऐसी मनकूला और गैर मनकूला जायदाद की तफ़सीलात तैयार करने के काम को मुकर्रर मुद्दत में पूरा करना है।

गांव-कसबों तक किया जायेगा दौरा
जिलों को जारी हिदायत में कहा गया है कि सिया और सुन्नी वक्फ की जायदाद की जानकारी के लिए गांव, कसबा और शहरों का दौरा किया जाये। जानकारी के लिए मसजिद, कब्रिस्तान, दरगाह, मजार, खानकाह, यतीमखाना, मुसाफिरखाना और मदरसा के मोतवल्ली, सेक्रेटरी या सदर से राब्ता कर जायदाद की तफ़सीलात हासिल करना है। बताया गया है कि रियासत के ज़्यादातर जिलों में 11 रुकनी वक्फ कमेटी काम कर रहे हैं।

इन मेंबरों से राब्ता पर वक्फ की मनकूला या गैर मनकूला जायदाद की तफ़सीलात हासिल करना है। वक्फ की जायदाद का बिक्री या किसी के नाम पर ट्रांसफर को गैर कानूनी बताते हुए प्रिंसिपल सेक्रेटरी व्यास जी ने कहा है कि वक्फ की जायदाद का डिजिटल किया जायेगा। जिला अफसरों को जायदाद के डिजिटल करने में होशियार होने की हिदायत दी गयी है। उन्होंने कहा कि इसका मुखालिफत करनेवालों पर कार्रवाई की जायेगी।

ज़ाती महकमा अफसर ने बताया कि पूरे रियासत में सिया और सुन्नी वक्फ की बेइंतिहा जायदाद हैं। सर्वे के लिए जारी हिदायत में कहा गया है कि सर्वे की तफ़सीलात की एक सौ फीसद जांच अंचल निरीक्षक करेंगे। डिवीज़नल अफसर 20 फीसद, ज़मीन बेहतरी नायब समाहर्ता 10 फीसद, अपर समाहर्ता पांच फीसद और एक फीसद तफ़सीलात की जांच समाहर्ता करेंगे।

इनमें शहरों की कीमती जमीन, इमारत, बाजार, आमदनी वाले मजार वगैरह हैं। सर्वे के बाद इन जायदाद का वक्फ के कानून के तहत इस्तेमाल किया जायेगा। अफसरों ने बताया कि वक्फ की जायदाद का पूरा इस्तेमाल हो, तो अक्लियतों के बड़े तबकों की कई मसायलों का हल मुमकिन है। जायदाद का पूरा तफसील नहीं रहने से जायदाद के दुरुपयोग और गैर कानूनी ट्रांसफर की शिकायतें मिलती रहती हैं। उन्होंने बताया कि गुजिशता एक साल से इस काम को पूरा करने की तैयारी चल रही थी।