वक्फ बोर्ड के फैसले तक बने रहेंगे मोतवल्ली व इमाम

मुजफ्फरपुर 13 जून : मो तकी खां वक्फ की जमीन और एक दूसरे के हटाने के दावे को लेकर लंबे समय से चल रहे इमाम और मोतवल्ली के दरमियान तनाजा को शांत कराने बिहार रियासत शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन बबलू मासूमी बुध को शहर पहुंचे। दोनों फरीकीन की बात को सुनने के लिए कमरा मुहल्ला वाक़ेय मसजिद में बैठक हुई।

लेकिन बैठक शुरू होने के साथ ही हंगामा होने लगा। धक्का मुक्की की हालत बन गयी। मोतवल्ली आबिद असगर जब आमदनी और खर्चे का हिसाब देने उठे तो लोगों ने जमकर मुखालिफत किया। लोगों का कहना था कि यहां आमदनी और खर्चे का हिसाब नहीं तलब किया जा रहा है। हालांकि मोतवल्ली ने कहा कि साल 1895 के सर्वे से लेकर आज तक जितनी जमीन है, उसमें मेरी तरफ से एक भी धुर पर कब्जा नहीं किया गया है। हालांकि लोग उनकी बात सुनना नहीं चाह रहे थे। उनकी बोलने के दौरान में ही धक्का मुक्की शुरू हुई। इस दरमियान उन्हें सीने में दर्द की शिकायत भी की। कुछ लोग उन्हें सहारा देकर बैठक से बाहर लाये।

इमाम शबीब काजिम ने कहा कि वक्फ की जमीन की हिफाज़त मुसलमानों का फर्ज है, लेकिन उन्हें इसके लिए काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। उन पर कई मुकदमे भी कराये गये। उन्हें दहशत गर्द कहा गया। दोनों तरफ की बात सुनने के बाद चेयरमैन मासूमी ने कहा कि मो तकी खां वक्फ के मोतवल्ली और इमाम तब तक अपने ओहदे पर बने रहेंगे, जब तक वक्फ के दरमियान हुए तनाजा की ताफ्सिश कर वक्फ कमेटी स्टेट शिया बोर्ड को रिपोर्ट नहीं सौंपती है। ताफ्सिश रिपोर्ट की बुनियाद पर ही बोर्ड फैसला लेगा।

बोर्ड जल्द ही जिले में एक कमेटी बनायेगा। महीने के आखिर हफ्ता तक यह कमेटी बोर्ड को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। कमेटी जिले के 32 शिया वक्फ की जमीन की भी निगरानी करेगा। चेयरमैन ने कहा कि वक्फ एक्ट के मुताबिक वक्फ की जमीन का मालिक वक्फ बोर्ड होता है। जमीन को बांटने या बेचने का किसी को अधिकार नहीं है। इरशाद हसन गुड्ड, असगर इमाम, सैयद हसन इमाम और मासूम इमाम मौजूद थे।