वक्फ़ बोर्ड की संपत्ति का उपयोग मुसलमानों के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए किया जाए: हाईकोर्ट

इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि अगर वक्फ़ संपत्ति मुसलमानों की शैक्षिक पिछड़ेपन को दूर करने के लिए उपयोग की जा रही है, तो इस पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। साथ ही साथ इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल किया है कि क्या वक्फ़ की जायदाद का उपयोग मुसलमानों के शैक्षिक पिछड़ेपन को दूर करने के लिए किया जा रहा है?

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उल्लेखनीय है कि प्रदेश के रामपुर जिले के टांडा कस्बे में स्थित वक्फ़ मस्जिद कुहना की जमीन राज्य सरकार ने इंटर कॉलेज स्थापित करने के उद्देश्य से अपने क़ब्ज़े में ले लिया है और इस एवज में राज्य सरकार ने मस्जिद प्रशासन को 90 हजार रुपये वार्षिक बतौर किराए का भुगतान करने की बात कही है। लेकिन मस्जिद प्रशासन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दायर करके राज्य सरकार के फैसले पर असंतोष व्यक्त किया है।
न्यूज़ नेटवर्क मसूह प्रदेश 18 के अनुसार मस्जिद प्रशासन का कहना है कि इस जमीन का उचित मुआवजा मिलना चाहिए। अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए सरकार से कहा कि अगर वक्फ़ की जमीन पर निर्माण होने वाला कॉलेज मुसलमानों को मुफ्त शिक्षा देने की गारंटी दे, तो आवेदक को वक्फ़ की जमीन देने के लिए राजी किया जा सकता है।