वज़ीर आज़म पाकिस्तान की फ़ौज के साथ मुसालहती राविस

ईस्लामाबाद, १५ जनवरी : ( पी टी आई ) पाकिस्तान के बोहरान से दो-चार वज़ीर आज़म यूसुफ़ रज़ा गीलानी ने ताक़तवर फ़ौज के साथ मुसालहती रवैय्या इख़तेयार करने की कोशिश की लेकिन एसा लगता है कि फ़ौजी सरबराह जनरल इशफ़ाक़ परवेज़ कियानी ने इंतिहाई सख़्त मौक़िफ़ इख़तियार किया है और वो फ़ौज पर तन्क़ीद से मुताल्लिक़ ब्यानात से दसतबरदारी के ख़ाहां हैं ।

आज परवेज़ कियानी के हमराह इजलास में गीलानी ने कहा कि तमाम इदारों को अपना रोल अदा करने की इजाज़त दी जाएगी । इस तबसरा को सियोल हुकूमत और फ़ौज के माबेन कशीदगी ख़तम करने की कोशिश के तनाज़ुर में देखा जा रहा है । उन्हों ने मुसल्लह फ़ौज को क़ौम के इस्तेहकाम और ताक़त का सतून क़रार दिया और मुल्क के दिफ़ा के लिए उन की ख़िदमात की काफ़ी सताइश की । गीलानी ने का बीनी कमेटी बराए दिफ़ा के इजलास से ख़िताब करते हुए कहा कि एक अच्छी और सेहत मंद जमहूरी रवायात क़ायम करने की ज़रूरत है जिस के लिए पार्लीमेंट से ताक़त हासिल की जाय जो जमहूरी हुकूमत का इमतियाज़ी वस्फ़ है ।

इस इजलास में सरकरदा वुज़रा के इलावा आला फ़ौजी उहदेदारान बिशमोल जनरल इशफ़ाक़ परवेज़ कियानी ने शिरकत की । वज़ीर आज़म का ये मुसालहती तबसरा इसे वक़्त सामने आया जब कि कियानी ने आज सदर आसिफ़ अली ज़रदारी से मुलाक़ात की । एक घंटा तवील बात चीत के बारे में कोई सरकारी तबसरा नहीं किया गया लेकिन मीडिया की इत्तिलात के मुताबिक़ कियानी ने ज़रदारी से कहा कि गीलानी की इन ( कियानी ) और आई एस आई सरबराह पर सुप्रीम कोर्ट में मेमो स्कैंडल के ताल्लुक़ से जवाब दायर करने पर की गई तन्क़ीदों पर एतराज़ है ।

उन्हों ने मुबय्यना तौर पर सदर से ख़ाहिश की कि वो गीलानी को फ़ौजी और आई एस आई सरबराह पर तन्क़ीदों से मुताल्लिक़ बयान वापस लेने की हिदायत दें । हुकूमत ने मुशावरत के बगैर ही हलफनामा दाख़िल करने पर लेफ्टीनेंट जनरल ( रीटायर्ड ) ख़ालिद नियम लोधी को बहैसियत डीफ़ैंस सैक्रेटरी बरतरफ़ कर दिया था जो कियानी के करीबी रफीक तसव्वुर किए जाते हैं ।

सुप्रीम कोर्ट पीर को क़ौमी मुसालहती आर्डीनैंस से मुताल्लिक़ मुक़द्दमा की समाअत करेगी जो साबिक़ सदर परवेज़ मुशर्रफ़ के दौर में नाफ़िज़ किया गया था और इस के तहत ज़रदारी और दीगर कई को रिश्वत के मुक़द्दमा से माफ़ी दे दी गई थी । पीर को क़ौमी असैंबली , पार्लीमेंट के ऐवान ज़ेरें का भी इजलास मुनाक़िद हो रहा है ।

जिस में हुक्मराँ इत्तिहाद के रुकन की पेश करदा क़रारदाद पर राय दही होगी जिस में जमहूरी इदारों को मुस्तहकम बनाने की ख़ाहिश ज़ाहिर की गई है ।