वज़ीर-ए‍-ख़ारिजा सुषमा स्वराज का दौरा-ए-बंगला देश

अपने अव्वलीन बैरूनी दौरे के लिए वज़ीर-ए‍-ख़ारिजा सुषमा स्वराज बंगला देश रवाना होगईं, वो बंगला देश की आला सतही क़ियादत से कलीदी बाहमी मसाइल बिशमोल सरहदी मुआहिदा और मुजव्वज़ा दरयाए तीस्ता मुआहिदा पर तबादला-ए-ख़्याल करेगी, हालाँकि मुआहिदों पर दस्तख़त नहीं किए जाऐंगे और कोई बड़ा नतीजा मुतवक़्क़े नहीं है।

हिन्दुस्तान का इद्दिआ है कि वज़ीर-ए‍-ख़ारिजा ख़रीदारी की फ़हरिस्त के साथ बंगला देश के दौरा पर नहीं जा रही हैं। वो सिर्फ़ बाहमी ताल्लुक़ात के मौक़िफ़ का जायज़ा लेंगी और देखेंगे कि आइन्दा बरसों में क्या तवक़्क़ुआत वाबस्ता रखी जा सकती हैं, ताहम हिन्दुस्तानी वफ़द तवक़्क़ो है कि गै़रक़ानूनी नक़ल मुक़ाम और बाज़ार तक रसाई के मसाइल पर तबादला-ए-ख़्याल करेगा।

बंगला देश भी एलबी ए और मुजव्वज़ा दरयाए तीस्ता मुआहिदा जैसे मसाइल सरसरी तौर पर उठाने के लिए तैयार है। नुमायां तौर पर बी जे पी का तृणमूल कांग्रेस और अनसोम गुना परिषद के साथ ये मुत्तहदा मौक़िफ़ था जिसे साबिक़ कांग्रेस हुकूमत ने ज़ेर-ए‍-इलतेवा रख दिया था कि ज़मीनी सरहद को बाक़ायदा बनाने का मुआहिदा किया जाये और बंगला देश के साथ दरयाए तीस्ता के पानी में शराकतदारी के मुआहिदे पर भी दस्तख़त होजाएं। एलबी ए को पार्लियामेंट से हुनूज़ मंज़ूरी हासिल नहीं हुई है।