वज़ीर-ए-आज़म का दौरा रूस

वज़ीर-ए-आज़म डाक्टर मनमोहन सिंह रूस के दौरा पर गए हुए हैं ताकि वहां हिंद – रूस मुशतर्का कमीशन के इजलास में शिरकत कर सकें।

हिंदूस्तान और रूस के काफ़ी क़रीबी ताल्लुक़ात रहे हैं और दोनों की हिक्मत-ए-अमली शराकत भी देरीना है ।

दोनों मुल्कों के माबैन बाहमी राबते मुस्तहकम हैं तिजारत को बतदरीज फ़रोग़ हासिल हो रहा है दिफ़ाई शोबा में भी ताल्लुक़ात को वुसअत हासिल होती जा रही है और ख़ुद वज़ीर-ए-आज़म डाक्टर मनमोहन सिंह ने रूस में ये वाज़िह कर दिया कि कोडनकुलम न्यूकलीयर प्लांट को अंदरून पंद्रह दिन कारकर्द बना दिया जाएगा ।

इस प्लांट के ख़िलाफ़ मुक़ामी अवाम एहतिजाज कर रहे हैं । वज़ीर-ए-आज़म ने कहा कि यक़ीनी तौर पर कुछ लोग इस प्लांट के ख़िलाफ़ एहतिजाज कर रहे हैं लेकिन ये सिर्फ़ सलामती से मुताल्लिक़ उन के अंदेशों की वजह से है ।

हुकूमत इस बात की कोशिश करेगी कि अवाम की इस तशवीश को दूर करते हुए कोडनकुलम प्रोजेक्ट को कारकरद बना दिया जाये ।

उन्हों ने ये भी इशारा दिया कि पहले प्राजेक्ट पर अमल आवरी के साथ ही दूसरा प्राजैक्ट भी शुरू किया जाएगा। जिस तरह की तवक़्क़ो की जा रही थी इस के ऐन मुताबिक़ दोनों मुल्कों के क़ाइदीन की मुलाक़ात ख़ुशगवार रही और इस के नताइज भी तवक़्क़ुआत के मुताबिक़ हो रहे हैं।

चूँकि इस मुलाक़ात का एजंडा पहले से तय शूदा था इस लिए तवक़्क़ुआत के मुताबिक़ ही नताइज रहे हैं ताहम वज़ीर-ए-आज़म ने कोडनकुलम पर रूस की तशवीश को दूर करना ज़रूरी समझते हुए वाज़िह कर दिया कि इस प्राजैक्ट को मुक़र्ररा वक़्त से क़बल ही कारकर्द कर दिया जायेगा ।

दोनों मुल्कों के माबैन इस ताल्लुक़ से जो मुआहिदा है इस के मुताबिक़ ये प्राजेक्ट मार्च 2012 तक कारकर्द होजाना है ताहम अब हकूमत-ए-हिन्द उस को मुक़र्ररा वक़्त से क़बल कारकरद बनाना चाहती है । इस तरह से रूस की तशवीश ज़रूर दूर होगई है ।

रूस के लिए ये ख़ुशख़बरी भी कही जा सकती है कि डाक्टर मनमोहन सिंह ने ना सिर्फ कोडनकुलम के पहले मरहला को कारकरद बनाने का ऐलान किया बल्कि ये भी कहदया कि वो उस की तकमील के साथ ही कोडनकुलम के दूसरे प्राजैक्ट पर भी अमल आवरी को यक़ीनी बनाने केलिए इक़दामात करेंगे ।

दोनों मुल्कों के माबैन चूँकि राबते और ताल्लुक़ात बहुत क़दीम और रिवायती हैं ऐसे में उन के माबैन बाहमी एतिमाद की फ़िज़ा भी अच्छी रही है लेकिन हालिया अर्सा में चूँकि हिंदूस्तान ने अमरीका के साथ ताल्लुक़ात को ज़्यादा तर्जीह दी है और उन में मुसलसल इज़ाफ़ा भी होता जा रहा है ऐसे में मनमोहन सिंह का ये दौरा एहमीयत का हामिल रहा है ।

हिंदूस्तान अपने ताल्लुक़ात को अब यूरोप के तनाज़ुर में देखने लगा है इस सूरत में हिंद । रूस मुशतर्का ग्रुप इजलास का नतीजा भी बहुत अच्छा कहा जा सकता है । अब तक रूस के साथ बाहमी ताल्लुक़ात में जो पेशरफ़त हुई है वो बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती ।

ज़रूरत इस बात की है कि रूस के साथ ताल्लुक़ात को सिर्फ मुस्तहकम करने या पहले से तए पाए हुए मुआहिदात पर अमल आवरी तक महिदूद ना किया जाय बल्कि उन ताल्लुक़ात को भी आगे बढ़ाने की ज़रूरत है । आपस के इश्तिराक केलिए नए शोबों की तलाश करनी होगी और खासतौर पर हिंद ।

रूस तिजारत को फ़रोग़ देने केलिए ख़ुसूसी इक़दामात किए जाने चाहिऐं। कहा गया है कि गुज़शता चंद बरसों में हिंद । रूस बाहमी तिजारत में 15 फ़ीसद इज़ाफ़ा दर्ज किया गया है लेकिनयह तवक़्क़ुआत के मुताबिक़ नहीं कहा जा सकता। 2009 – 10 मैं हिंद ।

रूस बाहमी तिजारत जुमला 9 बिलीयन डॉलर्स की रही है जबकि एक निशाना ये मुक़र्रर किया गया था कि 2015 तक इस तिजारत को 20 बिलीयन डॉलर्स तक पहूँचा दिया जाएगा । इस महाज़ पर जो सुस्त रवी है इस को देखते हुए ये कहा जा सकता है कि इस निशाना की बरवक़्त तकमील आसान नहीं होगी ।

बाहमी तिजारत को अगर फ़रोग़ देने में कामयाबी मिल जाती है तो हिंदूस्तान को अपनी तिजारती और मआशी सरगर्मीयों केलिए अमरीका और यूरोप पर ज़्यादा इन्हिसार नहीं करना पड़ेगा हालाँकि एक दूसरे से राबतों के बगै़र भी तरक़्क़ी मुम्किन नहीं है ।

इबतिदाई मराहिल में हिंदूस्तान रूस के साथ सिर्फ दिफ़ाई शोबा के ताल्लुक़ात को इस्तिहकाम बख़शने पर ही ज़ोर देता रहा था ताहम अब इस के तिजारती राबतों में वुसअत आई है और उन को मज़ीद वुसअत देते हुए इस से फ़ायदा हासिल किया जा सकता है ।

एक और ख़ास बात ये भी है कि डाक्टर मनमोहन सिंह रूस में एक नस्बता कमज़ोर हुकूमत के साथ तबादला-ए-ख़्याल कर रहे हैं क्योंकि हालिया इंतिख़ाबात में बरसर-ए-इक़तिदार जमात को शिकस्त का सामना करना पड़ा है और रूसी अवाम हुकूमत के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतर आए हैं। ये ऐसी सूरत-ए-हाल है जिस का बाहमी ताल्लुक़ात के इस्तिहकाम पर असर नहीं होसकता लेकिन इस से मनमोहन सिंह ज़रूर हिंदूस्तान केलिए फ़ायदा हासिल कर सकते हैं।

रूस को मुश्किल के वक़्त में एक अच्छे मददगार की हैसियत से ताईद फ़राहम करते हुए डाक्टर सिंह क़दीम-ओ-देरीना ताल्लुक़ात के इव्ज़ अक़वाम-ए-मुत्तहिदा सलामती कौंसल में मुस्तक़िल नशिस्त केलिए भी ताईद हासिल कर सकते हैं।

बाहमी राबतों को मुसलसल इस्तिमाल करते हुए हिंदूस्तान इस मक़सद को पूरा कर सके तो ये हिंदूस्तान की एक बड़ी कामयाबी क़रार दी जा सकती है ।