वजीरे आला दाल-भात मंसूबा बंद!

गरीबों को दोपहर का खाना दस्तयाब करानेवाली वजीरे आला दाल-भात मंसूबा अप्रैल से बंद है। इस मंसूबा के तहत गरीबों को पांच रुपये में खाना मिलता था। रियासत के तकरीबन 22.16 लाख लोगों (खास कर गरीबों) को रोजाना सस्ते में खाना दस्तयाब होता था। पर माली साल 2013-14 के बाद सेंटर ने इस मंसूबा के लिए चावल का अलोटमेंट बंद कर दिया है।

मंसूबा के लिए केंद्र ओपेन मार्केट सेल स्कीम (ओएमएसएस) के तहत चावल दस्तयाब कराता है। बड़ी सब्सिडी के साथ यह चावल 1830 रुपये फी क्विटंल की शरह से रियासत को मिलता था। इस साल सात करोड़ रुपये का बजट था। अब यह चावल रिलीज न होने से मसला हो गयी है। फूड सप्लाय महकमा से मिली इत्तिला के मुताबिक, ज़ाती महकमा सेक्रेटरी ने इस सिलसिले में मर्कज़ को खत लिखी है। पर इसका कोई जवाब नहीं आया है। कुछ दिनों पहले रांची आये फूड सप्लाय वुजरा के एक अफसर ने इशारा दिया था कि इस मंसूबा के लिए अब चावल फराहम कराने की इमकान नहीं है।

क्या कहते हैं ऑपरेटर

मार्च से दाल-भात सेंटर बंद है। अब तक चावल नहीं मिला है। इसकी जानकारी खत के जरिये से जिला इंतेजामिया व हुकूमत को भी दी गयी है। अभी तक कुछ नहीं हुआ है।

दीपक, सेंटर के ऑपरेटर

अलोटमेंट नहीं मिलने की वजह से सेंटर बंद हैं। इसकी इत्तिला डीसी को दी गयी है। अलोटमेंट के लिए हुकूमत से मुसलसल खत भेजा जा रहा है।

अशोक कुमार सिंह, एसओआर, रांची