वजीर के ओहदे को लेकर कांग्रेस में ऊहापोह

रियासत में कबिब्ना की तौसिह में अभी देर है। कांग्रेस के अंदर वजीर ओहदे को लेकर एक्सरसाइज चल रही है। नाम तय किये जाने के बाद ही काबिना वजरा का एलान होगा। रियासत के कायेदिनों और असेंबली मेम्बरान से आला कायेदिनों ने बातचीत की है। असेंबली मेम्बरान की राय रियासत के इंचार्ज बीके हरि प्रसाद ने सुन ली है। अब फैसले में कौमी सदर सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मुहर लगना बाकी है। इधर, असेंबली रुक्न अपनी दावेदारी ठोंक दिल्ली से लौट चुके हैं। अपने सतह पर लॉबिंग की है। असेंबली रुक्न एक-दूसरे का रास्ता भी काट रहे हैं।

कांग्रेस असेंबली रुक्न गीताश्री उरांव को लेकर तजबजब की हालत है। गीताश्री को मर्क़जी टीम में सेक्रेटरी की जिम्मेवारी सौंपी गयी है। एक सख्स-एक ओहदे को लेकर पेंच फंस रही है। गीताश्री को रियासत में वजीर की जवाबदेही दी गयी, तो एआइसीसी से उन्हें आज़ाद करना होगा। गीताश्री का मामला खुद राहुल गांधी देखेंगे। इधर, पार्टी के अंदर दावेदारों की लंबी लाइन है। डॉ सरफराज अहमद के पीछे मन्नान मल्लिक दौड़ रहे हैं।

वहीं ददई दुबे का खेल बिगाड़ने में केएन त्रिपाठी लगे हैं। बन्ना गुप्ता और योगेंद्र साव के बीच जोर आजमाइश है। कांग्रेस के आला कायेदिनों को इनके बीच से रास्ता निकालना है। दिल्ली दरबार पर असेंबली मेम्बरान की टकटकी लगी है।