वडरा को बचाने हुकूमत हरियाणा और डी एल एफ में गठजोड़

नई दिल्ली, १० अक्तूबर (एजेंसी) इंसिदाद रिश्वत सतानी के जहदकार (Anti-corruption activist )) अरविंद केजरीवाल ने आज एक और इल्ज़ाम आइद ( आरोप लगाया) किया कि राबर्ट वडरा को बचाने के लिए हुकूमत हरियाणा और डी एल एफ के दरमियान ( बीच) नापाक गठजोड़ हुआ है।

उन्होंने इल्ज़ाम आइद किया कि रियासती हुकूमत ( राज्य सरकार) ने दवाख़ाना की अराज़ी ( ज़मीन) को डी एल एफ के हवाला किया था कि ख़ुसूसी मआशी ज़ोन क़ायम किया जा सके। हरियाणा में जंगलात की अराज़ी ( ज़मीने) भी मंज़ूरी के बगैर डी एल एफ को दी गई ।

अरविंद केजरेवाल ने दिल्ली में प्रेस कान्फ्रेंस से ख़िताब करते हुए मुतालिबा किया कि राबर्ट वडरा और डी एल एफ के दरमियान तिजारती ताल्लुक़ात ( ब्यापारी संबंध) की सुप्रीम कोर्ट के रीटायर्ड जजों के ज़रीया तहकीकात कराई जाय।

उन्होंने मज़ीद ( ये भी) बताया कि गोल्फ कोर्स प्रोजेक्जट के लिए मालियती हराज ( निलामी/ निलाम) भी डी एल एफ के हक़ में किया गया। हरियाणा हुकूमत ने सरकारी अराज़ी ( ज़मीने) को मार्केट रेट से बहुत कम शरह ( दर) पर फ़रोख्त किया है। केजरीवाल ने हरियाणा हुकूमत को रियल स्टेट के बड़े ताजिर ( ब्यापारी) डी एल एफ का एजंट क़रार दिया जिस का कांग्रेस की सदर सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वडरा से भी राबिता है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा की हुकूमत डी एल एफ की एजंट बन गई है ये अवाम की हुकूमत नहीं है। उन्होंने हरियाणा हुकूमत से कहा कि वो डी एल एफ से की गई अपनी मुआमलत पर वाएट ( White) पेपर जारी करें। उन्होंने अपने इल्ज़ामात की हिमायत में अदालतों के रिकार्ड और दीगर दस्तावेज़ात (अन्य कागज़ात) पेश किए।

राबर्ट वडरा और डी एल एफ के दरमियान मुबय्यना ( कथित) तिजारती मुआमलतों और दीगर इल्ज़ामात के चंद दिन बाद केजरीवाल ने मीडिया को दस्तावेज़ी सबूत भी फ़राहम किए हैं। उन्होंने कहा कि पंचायत की ज़मीन को कौड़ियों के दाम डी एल एफ के हवाले किया गया ।

हुड्डा की अराज़ी ( ज़मीन) भी डी एल एफ को दी गई। कई किसानों ने हरियाणा हुकूमत पर इल्ज़ाम आइद किया कि इस ने इन से कौड़ियों के दाम ज़मीन खरीद कर ज़मीन को दौलत कमाने के लिए इस्तेमाल किया। केजरीवाल ने कहा कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हालिया दिनों में डी एल एफ और हुकूमत हरियाणा के दरमियान नापाक गठजोड़ का नोट दिया है।

साबिक़ इनकम टैक्स ऑफीसर केजरेवाल ने पी चिदम़्बरम पर भी तन्क़ीद ( समीक्षा) की जो राबर्ट वडरा के हक़ में बात कर रहे हैं। आज पेश करदा तमाम सबूत मज़कूरा (उक़्त) अफ़राद के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने और इनकम टैक्स धावे करने के लिए काफ़ी हैं। उन्होंने कहा कि में भी इनकम टैक्स ऑफीसर रह चुका हूँ मुझे अच्छी तरह मालूम है कि धावे किस तरह किए जाते हैं लेकिन मुल्क के वज़ीर फायनेन्स की जानिब से वडरा की हिमायत करने के बाद ऐसा कौन सा आफीसर ( अधिकारी) है जो वडरा को नोटिस जारी करेगा।

नामवर वकील और इंडिया अगेंस्ट करप्शन के रुकन ( सदस्य) शांति भूषण ने कहा कि डी एल एफ और वडरा के दरमियान क़ाबिल एतराज़ तिजारती मुआमलात हुए हैं। इनकी तहकीकात की जानी चाहीए । इंसिदाद रिश्वत सतानी क़ानून के तहत इन मुआमलतों की जांच की जा सकती हैं।

केजरीवाल ने कांग्रेस क़ाइदीन ( नेता) और इसकी हुकूमत से ये जानने की कोशिश की है कि आख़िर वो वडरा के दिफ़ा ( हुफाजत/ रक्षा) में क्यों आ रहे हैं। अगर वो एक आम शहरी होते तो क्या हुकूमत इस तरह ख़ामोश रहती।