वरज़िश से नज़ला, ज़ुकाम और दिल के अमराज़ से बचना मुम्किन

माहिरीन का कहना है कि वरज़िश और जिस्मानी सरगर्मीयों की मदद से नज़ला, ज़ुकाम और दिल के अमराज़ से बचा जा सकता है। माहिरीन सेहत का कहना है कि जो लोग रोज़मर्रा के काम काज में मशग़ूल नहीं रहते उन्हें नज़ला, ज़ुकाम और दिल के अमराज़ समेत दूसरे बीमारीयां घेर लेती हैं

जबकि जो लोग बाक़ायदगी से एक्सरसाइज़ करते हैं वो मज़कूरा बीमारीयों से महफ़ूज़ रहते हैं।हालिया तहक़ीक़ में 18 से 85 साल की उम्र के 1002 अफ़राद के बालाई निज़ाम तनफ़्फ़ुस का जायज़ा लिया गया।

डाक्टरों काकहना है कि एक्सरसाइज़ करने वाले अफराद डिप्रेशन (दिल शिकस्तगी) और आसाबी तनाव से भी महफ़ूज़ रह सकते हैं।