वर्धमान बम ब्लास्ट : रेहान मुसला व बहन सायरा की तलाश जारी

बरहरवा : दो अक्तूबर 2014 को मगरीबी बंगाल के वर्धमान में एक मदरसे में हुई बम ब्लास्ट के एक साल पूरे हो गये हैं। आज ही के दिन पूरा वर्धमान दहशत की खौफ से दहल उठा था। उसे ब्लास्ट का असर भले ही झारखंड पर नहीं पड़ा हो, लेकिन उसके बाद साहिबगंज व पाकुड़ जिला दहशतगर्दों के पनाहगाह के तौर में जाने जाना लगा। इस कांड में अब तक साहेबगंज जिले से इनामी दहशतगर्द एनआइए की पकड़ में है। दूसरे दहशतगर्दों की तलाश में एनआइए की टीम मुसलसल साहेबगंज जिले के बरहरवा, बरहेट थाना इलाकों में दबिश दिये हुए है।

सादिक की गिरफ्तारी के बाद फिर सरगर्म हुई एनआइए की टीम

बांग्लादेशी दहशतगर्द तंजीम जमात-उल-मुजाहिद्दीन के सरगर्म मेम्बर पांच लाख इनामी दहशतगर्द तारीकुल इस्लाम उर्फ सादिक के रामगढ़ में गिरफ्तारी के बाद उसके ससुराल साहेबगंज जिले के बरहरवा थाना इलाक़े के तहत सातगाछी गांव में उसके ससुर मंसूर आलम को बरहरवा थाना पुलिस ने तारीकुल की गिरफ्तारी की इत्तिला दी है। ज़राये से मिली जानकारी के मुताबिक, दहशतगर्द तारीकुल की बीवी हमल में है। तारीकुल का साला रेहान मुसला बरहेट थाना इलाक़े के बहरेट संथाली वाकेय नौगछिया में गुजिशता एक साल से रह रहा था। वह अपने असल रिहाइशगाह सातगाछी से फरार होकर बरहेट में गुजिशता एक साल से पनाह लिये हुए था।

एनआइए की टीम ने बरहेट में गुजिशता दो दिनों से रेहान मुसला और उसकी बहन सायरा खातून की भी तलाश कर रही है। बरहरवा थाना इलाक़े के सातगाछी में एनआइए की टीम ने तकरीबन पांच बार उसके घर व मुतल्लिक़ ठिकाने पर छापेमारी कर चुकी है। लेकिन अभी तक दहशतगर्द तारीकुल इस्लाम की बीवी सायरा खातून और दहशतगर्द का साला रेहान मुसला एनआइए की पकड़ से बाहर है। टीम ने रेहान मुसला के खरीदे गये जमीन व बैंक डीटेल्स भी खंगाल रही है।

दहशतगर्द रेहान मुसला बरहेट में गुजिशता एक साल से रह रहा है और इसकी भनक न तो पुलिस को और न ही एनआइए की टीम को। तारीकुल बम बलास्ट से पहले वर्धमान में रहकर पढ़ाई करता था। इसी दौरान सातगाछी के मनसुर आलम की बेटी सायरा खातून से मुलाकात हुई और वे लोग वहां से बरहरवा आकर एक मसजिद में निकाह कर लिया। उस मसजिद के मौलाना से भी तारीकुल के निकाह के बारे में साबिक़ में जानकारी हासिल कर चुकी है।

तारीकुल सातगाछी वोटर लिस्ट में अपना नाम भी दर्ज करा कर अपना आधार कार्ड भी बनावाया है। जिसकी तहक़ीक़ात एनआइए की टीम बरहरवा ब्लॉक हेड क्वार्टर में आकर कर चुकी है। इन तमाम पहलुओं से साफ होता है कि तारीकुल दहशतगर्द का बीज इस इलाक़े में बो रहा था लेकिन वक़्त रहते एनआइए की टीम ने रामगढ़ से गिरफ्तार कर लिया। वह मुसलसल अपना ठिकाना कभी बिहार, कभी बंगाल तो कभी झारखंड के मुखतलिफ़ जिलों में बदलता रहता था।

बरहरवा थाना इलाक़े के अब्दुल्लापुर एक प्राइवेट मदरसा में 15 नवंबर को एनआइए की टीम ने मो जकारिया की तलाश में छापेमारी की थी। लेकिन छापेमारी से कुछ ही घंटे पहले मो जकारिया का इसकी भनक लग गयी और वह अभी तक फरार है। उसका घर पाकुड़ जिले के मुफस्सिल थाना इलाक़े के तहत बेलपहाड़ी में बताया जाता है। एनआइए की टीम ने उसके घर बेलपहाड़ी में भी छापेमारी की थी लेकिन वह अभी तक फरार है।

वहीं कोटालपोखर थाना इलाक़े के दिलालपुर एक प्राइवेट मदरसा में राधानगर थाना इलाक़े के तहत पलासगाछी के तातुटोला के माउद आलम उर्फ माउद शेख की गिरफ्तारी के लिये छापेमारी की गयी थी। लेकिन वह दिलालपुर मदरसा से कुछ दिन पहले ही फरार हो गया था।