श्रीनगर । 28 । जनवरी (पी टी आई) साबिक़ा आई पी एस ऑफीसर से समाजी जहदकार बनने वाली किरण बेदी ने आज कहा कि वो जिन्सी हिरासानी से मुताल्लिक़ क़ानून में तरमीम के ज़रीये जस्टिस वर्मा सिफ़ारिशात की भरपूर ताईद करती हैं जो इस्मत रेज़ि जैसे केसों में मुसल्लह फ़ोर्सस के अरकान मुलव्विस पाए जाने की सूरत में उन्हें छूट नहीं दिलाएगी।
अगर कोई शख़्स यूनीफार्म में हो चाहे वो पुलीस मैन हो या आर्मी मैन, इस्मत रेज़ि का इर्तिकाब करता है तो उसे कोर्ट मार्शल के तहत नहीं बल्कि सियोल क़ानून के तहत मुक़द्दमा का सामना करना चाहीए । में इस बारे में जस्टिस वर्मा सिफ़ारिश की पूरी तरह ताईद करती हूँ।
बेदी ने यहां एक तक़रीब के मौके पर अख़बारी नुमाइंदों से बात चीत में इस राय का इज़हार किया। इस तरमीम को वक़्त की ज़रूरत क़रार देते हुए बेदी ने कहा कि इस से घिनाओने जराइम जैसे रेप के मुआमले में वर्दी वाले लोगों को छूट ख़त्म होजाएगी, बशर्ते कि मुल्क में सिनफ़ नाज़ुक की हिफ़ाज़त को यक़ीनी बनाया जाये। तब ही यूनीफार्म वाले हक़ीक़ी मानी में हिफ़ाज़त करने वाले होंगे।