वसीम जाफ़र मुंबई कप्तान की हैसियत से अलहदा

मुंबई, ०३ फ़रवरी( पी टी आई) वसीम जाफ़र ने मुंबई टीम के कप्तान की हैसियत से अलहिदगी इख़तियार कर ली ताकि बैटिंग पर ज़्यादा तवज्जा मर्कूज़ की जा सके । चार सीज़न में साबिक़ हिंदूस्तानी ओपनर ने मुंबई को दो ट्रॉफ़ीयाँ दिलाई है ।जिन में 2008-09 और 2009-10शामिल हैं ।

वसीम जाफ़र ने कहा कि वो इन्फ़िरादी बैटिंग पर ज़्यादा तवज्जा मर्कूज़ करने के ख़ाहां है । राणजी ट्रॉफ़ी सीज़न उनके लिए बेहतर नहीं रहा और वो समझते हैं कि कप्तान की ज़िम्मेदारीयों से ज़्यादा बैटिंग की एहमीयत रखती है ।

मुंबई की टीम जारी सीज़न में सेमीफाइनल तक भी रसाई हासिल नहीं कर सकी । उन्हों ने कहा कि जब आप किसी टीम के कप्तान होते हैं तो दीगर खिलाड़ियों के लिए मिसाल साबित होते हैं । लफ़्ज़ कप्तान कहने में काफ़ी अच्छा है लेकिन किसी टीम की क़ियादत की वजह से काफ़ी दबाव होता है ।

अगर टीम बेहतर मुज़ाहरा ना करे तो कप्तान को ही क़ुर्बानी का बकरा बनाया जाता है । मुंबई टीम के राणजी ट्रॉफ़ी मीचस मैं नाक़िस मुज़ाहरा पर दीगर कई के इलावा कोच कुलकर्णी ने भी तन्क़ीद की थी । उन्हों ने कहा था कि वसीम जाफ़र बहैसीयत बैटस्मैन और कप्तान नाकाम रहे । जाफ़र ने 9 मैच्स में सिर्फ 406 रन बनाए ।

कोच के रिमार्कस पर जाफ़र ने कहा कि उन्हें काफ़ी मायूसी हुई । हर शख़्स ग़लती करता है अगर ऐसा कोई मसला हो तो बरसर-ए-आम तबसरा के बजाय ड्रेसिंग रुम में भी ये बात कही जा सकती थी।