उप्र शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सैयद वसीम रिजवी ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को एक पत्र लिख कर मंदिर तोड़कर बनाई गई नौ मस्जिदों को हिंदुओं सौपने की मांग कर दी है। जिसके बाद उनके खिलाफ बयानों का दौर शुरू हो गया है।
AIMPLB की ओर से मुफ्ती मुकर्रम ने मोर्चा सँभालते हुए कहा है कि ये हमारे भारत की नीति और संविधान के खिलाफ है।
मैं यही कहूंगा की जिस आदमी का दिमाग ख़राब हो गया है वो ही इस तरह की बात कर सकता है, जो मंदिर है वो मंदिर है और जो मस्जिद है वो मस्जिद है , हर धर्म का आदर होना चाहिए।
अयोध्या मुद्दे पर बोलते हुए मुफ्ती मुकर्रम ने कहा आज की तारिक में ऐसा कोई नेता नहीं जिसकी पूरा देश मानता हो। एक ही है जिसका आदेश देश मानता है और वो है सुप्रीम कोर्ट।
गौरतलब है कि रिजवी ने राम मंदिर अयोध्या, केशव देव मंदिर मथुरा, अटाला देव मंदिर जौनपुर, काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी, रुद्र महालय मंदिर बटना गुजरात, भद्रकाली मंदिर अहमदाबाद गुजरात, अदीना मस्जिद पंडुवा पश्चिम बंगाल, विजय मंदिर दिशा मध्य प्रदेश, मस्जिद कुव्वत-उल-इस्लाम कुतुबमीनार दिल्ली को अपने पत्र में शामिल किया है।
वसीम रिजवी ने लिखा कि इस्लाम में किसी इबादतगाह को जबरन तोड़कर मस्जिद बनाया जाना जायज नहीं है, वसीम रिजवी ने अपने पत्र में लिखा है कि दूसरे इबादतगाह तोड़कर बनाई गई मस्जिदों में किसी भी तरह की अल्लाह की इबादत जायज नहीं है, इसलिए ऐसी मस्जिदें हिंदू समाज को सौंप दी जाएं।