वसुंधरा राजे और ललित मोदी के दरमियान में गठजोड़

नई दिल्ली: धोलपुर महल का तनाज़ा मज़ीद गहिरा होगया जब कांग्रेस ने चीफ़ मिनिस्टर राजस्थान वसुंधरा राजे की बरतरफ़ी का मुतालिबा किया और बताया कि उन के अफ़रादे ख़ानदान और साबिक़ आई पी एल कमिशनर ललित मोदी के दरमियान मुजरिमाना साज़ बाज़ पाई जाती है।

बी जे पी ने इन इल्ज़ामात को यकसर मुस्तरद कर दिया। आज दिन भर जारी दावो और जवाबी दावो के दरमियान कांग्रेस लीडर जय‌ राम रमेश ने दिल्ली मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि ललित मोदी और वसुंधरा राजे ख़ानदान में मुजरिमाना गठजोड़ पाया जाता है ये ऐलान करते हुए कि बी जे पी की जानिब से वसुंधरा राजे को हटा दिए जाने तक इन्किशाफ़ात का सिलसिला बंद नहीं किया जाएगा।

मिस्टर रमेश ने बाज़ ताज़ा दस्तावेज़ात बिशमोल 1949 के डॉक्यूमेंट जारी किए जिस में धोलपुर प्यालेस को हुकूमत राजस्थान की मिल्कियत बताई गई है। कांग्रेस लीडर ने मुसलसल दूसरे दिन भी इल्ज़ाम आइद किया कि राजे और उनके ख़ानदान ने एक ख़ानगी कंपनी के ज़रिये ललित मोदी के साथ धोलपुर प्यालेस पर जबरन और गै़रक़ानूनी क़बज़ा करलिया गया है ताहम जयपुर में राजस्थान बी जे पी सदर अशोक परिणामी ने एक जुदागाना नौईयत की दस्तावेज़ात पेश की हैं और बताया कि 2नवंबर 1958 के कोर्ट डॉक्यूमेंट से ये साबित होता है कि धोलपुर महल को वसुंधरा राजे के फ़र्ज़ंद दशयानत सिंह के हवाले कर दिया गया था।

ताहम बी जे पी लीडर ने ये दस्तावेज़ात मीडिया के हवाले करने से इनकार कर दिया जिस पर मीडीया और बी जे पी क़ाइदीन में बेहस-ओ-तकरार होगई।