इंसानी हुक़ूक़ के लिए सरगर्म एक बैनुल अक़वामी तंज़ीम ने कहा है कि वस्ती जम्हूरीया अफ़्रीक़ा के मग़रिबी हिस्सों में नसल कुशी के शिकार मुसलमान शहरीयों की हिफ़ाज़त के लिए अमन मिशन के फ़ौजियों की तेज़ी से तैनाती नहीं की गई।
यहां मुबैयना तौर पर ईसाई बिरादरी मुसलमानों पर हमलों में मसरूफ़ है। चहारशंबा को जारी कर्दा अपनी एक ताज़ा रिपोर्ट में एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा कि रवां साल के अवाइल से मुसलमानों पर बड़े पैमाने पर होने वाले हमलों को दस्तावेज़ी शक्ल दी गई है और इस के बाक़ौल तशद्दुद की वजह से यहां से तक़रीबन तमाम आबादी को नक़्ले मकानी करनी पड़ी।
अक़वामे मुत्तहिदा के सेक्रेट्री जेनरल बान्की मून ने मंगल को यूरोपीय यूनीयन पर ज़ोर दिया था कि वो इस तैनाती को तेज़ करे। उन्हों ने फ़्रांस और दीगर मुल्कों से मुतालिबा किया कि वो भी मज़ीद फ़ौजी भेजें।