वस्त मुद्दती इंतिख़ाबात का इमकान:मायावती

लखनऊ, १० अक्तूबर (पी टी आई) यू पी ए हुकूमत को इसकी अवाम दुश्मन पालिसीयों पर हदफ़ तन्क़ीद बनाते हुए बी एस पी की सदर ( अध्यक्ष) मायावती ने आज कहा कि इनकी पार्टी मर्कज़ ( केंद्र) में यू पी ए हुकूमत के लिए बाहर से ताईद ( समर्थन) बरक़रार रखने या दस्तबरदार ( हट जाना) हो जाने का क़तई फैसला कल करेगी।

यू पी में 7 माह क़बल बहुजन समाज पार्टी की इंतिख़ाबी नाकामी ( असफलता) के बाद पहली मर्तबा जल्सा‍ ए‍ आम से ख़िताब करते हुए मायावती ने अपने कट्टर हरीफ़ ( प्रतिद्वंद्वी) और समाजवादी पार्टी सरबराह मुलायम सिंह यादव की तरह यू पी ए हुकूमत की ताईद ( समर्थन) के बारे में ग़ौर किया था लेकिन अब वो भी ये कह रही हैं कि मनमोहन सिंह की हुकूमत 2014 तक अपनी मीआद (समय काल) पूरी नहीं करेगी ।

उन्होंने पार्टी वर्कर्स से कहा कि आजलाना इंतिख़ाबात की तैय्यारी करें। हम ने कल 10 अक्तूबर को बी एस पी के क़ौमी आमिला (राष्ट्रीय कार्यकारिणी) का इजलास ( सभा) तलब किया है जिस में यू पी ए हुकूमत की ताईद ( समर्थन) बरक़रार रखने के बारे में फैसला किया जाएगा ।

उन्होंने पार्टी के बानी ( Founder) कांशी राम की छट्टी बरसी के मौक़ा पर संकल्प महारैली से ख़िताब करते हुए कहा कि मुल़्क इस वक़्त अबतर सूरत-ए-हाल से गुज़र रहा है । इमकान ग़ालिब ( संभावना) है कि बहुत जल्द लोक सभा इंतिख़ाबात ( चुनाव) मुनाक़िद होंगे ।

तृणमूल कांग्रेस की जानिब से यू पी ए हुकूमत की ताईद ( समर्थन) वापस लेने के बाद ये हुकूमत बी एस पी की बाहर से ताईद पर टिकी हुई है। लोक सभा में बी एस पी के 21 अरकान (सदस्य) हैं जबकि समाजवादी पार्टी के 22 अरकान पार्लीमेंट ( संसद सदस्य) भी यू पी ए हुकूमत की बाहर से ताईद कर रहे हैं ।

मायावती ने हुकूमत की ख़ारिजा ( बाहरी/ विदेशी) और मआशी ( आर्थिक) पालिसीयों पर तन्क़ीद ( समीक्षा) की और कहा कि अवाम दुश्मन पालिसीयों की वजह से पसमांदा तबक़ात (Backward classes) पिछड़े तबक़ात दलितें और अक़ल्लीयतें ( अल्पसंख्क) बेहद मुतास्सिर ( प्रभावित) हुए हैं।

किसानों को महंगाई का ख़तरनाक सामना है। बेरोज़गारी बढ़ रही है रिश्वत सतानी आम हो गई है। यू पी के बारे में उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी हुकूमत के आने के बाद ये रियासत जुर्म की दुनिया में तब्दील हो गई है । उन्होंने इस सिलसिला में शुरू ही में अंदेशा ज़ाहिर किया था। मेरा अंदेशा अब सच साबित हो रहा है।

बहुजन समाज पार्टी सरबराह मायावती एक अहम रैली में यू पी ए हुकूमत को अपनी ताईद ( समर्थन) का मौक़िफ़ ( निश्चय) ज़ाहिर करेंगी जहां रीटेल में एफ डी आई और डीज़ल की क़ीमतों में इज़ाफ़ा के मौज़ूआत ( विषयो पर) भी तवज्जा का मर्कज़ रहेंगे । याद रहे कि रैली के बाद कल बी एस पी की क़ौमी आमिला का इजलास भी मुनाक़िद ( आयोजित) किया जाएगा।

दिलचस्प बात ये है कि मायावती ने कांग्रेस एस पी को अब तक उलझन में मुबतला (Involved) कर रखा है कि आया वो मर्कज़ी हुकूमत को अपनी ताईद ( समर्थन) बरक़रार रखेंगी या नहीं। रिपोर्ट के मुताबिक़ मायावती मर्कज़ी यू पी ए हुकूमत की जानिब से बाअज़ मआशी इस्लाहात (आर्थिक सुधार) के फ़ैसलों को शदीद तन्क़ीद का निशाना बनाएगी ।

दूसरी तरफ़ बी एस पी के एक वर्कर ने भी तौसीक़ ( पुष्टी) की है कि मायावती यू पी ए हुकूमत के लिए अपनी ताईद ख़त्म कर देंगी । बी एस पी के क़ाइदीन ( लीडर) ये कह रहे हैं कि हर गुज़रते दिन के साथ अखिलेश यादव हुकूमत ग़ैर मक़बूल (Unpopular/ अलोकप्रिय) होती जा रही है ।

इनका कहना है कि मायावती डीज़ल की क़ीमतों में इज़ाफ़ा रीटेल में एफ डी आई और एल पी जी सब्सीडी पर तहदेद (सीमित/Limit) के मुआमला में शदीद ब्रहम (गुस्से में) हैं और अपने मौक़िफ़ (आत्मविश्वास) का खुल कर इज़हार करेंगी लेकिन वो ज़िमनी इंतिख़ाबात की ताईद ( समर्थन) नहीं करतीं ।

रैली मुनाक़िद करने का एक और अहम मक़सद ये है कि वो इस तरह दलितों के ज़हनों को पढ़ना चाहती हैं जिन्होंने हालिया असेंबली इंतिख़ाबात के दौरान मायावती की ताईद ( समर्थन) नहीं की थी । मायावती अपने हरीफ़ों ( प्रतिद्वंद्वी) को ये भी बताना चाहती हैं कि इंतिख़ाबात में शिकस्त (हार) की वजह से उन्हें पस्तहिम्मत या शिकस्त ख़ूर्दा ना समझा जाय ।

रैली में शिरकत के लिए महाराष्ट्रा और दीगर रियास्तों से तक़रीबन 8000 पार्टी वर्कर्स लखनऊ पहुंच चुके हैं ।