वहाबी ईडीओलोजी आतंकवाद की जड़, वहाबी मौलवियों पे भारत सरकार कार्यवाही करे : शिया मौलाना कल्बे ज़व्वाद

लखनऊ : शिया मौलाना सैय्यद कल्बे जव्वाद ने वहाबी मौलानाओ के काम करने की सिस्टम पर सवाल उठाते हुयें मांग की है कि उन सभी वहाबी धर्मगुरुओं की जांच होनी चाहिए, जिन्होंने आज से पहले आईएसआईएस का किसी भी तरह से हिमायत किया है।

इमामे जुमा मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा है कि पूरी दुनिया में इस वक़्त जो आतंकवाद फैला है, उसका लिए वहाबी सोंच ही जिम्मेदार है। उन्होंने दावा किया कि सऊदी अरब से आनेवाले इमाम-ए-काबा ने भी दाइश का हिमायत किया है हलाकि इमामे काबा ने दाईश की मुखालफत अपनी प्रेस कांफ्रेंस में की है.

मौलाना कल्बे जव्वाद ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा है कि जब पांच साल पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने वहाबी प्रचारक ज़ाकिर नाईक के लखनऊ आने पर, शिया-सुन्नी मुसलमानों के मुखालिफत की वजह से बैन लगा दिया था, तो उस वक़्त क्यों केंद्र में बैठी सरकार ने ज़ाकिर नाईक की मुल्क भर में हो रही जनसभाओं पर बैन नहीं लगाया था?

मजलिसे उलमाये हिन्द ने कहा कि भारत सरकार किस दिन का इंतजार कर रही है अब तो आतंकवादी संगठनों के समर्थकों के चेहरे उनके सामने आ चुके हैं उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया जाता है।यह दुखद प्रक्रिया है के भारत में रहकर जो लोग आईएसआई का हिमायत करते हों, बगदादी को खलीफा कुबूल करते हैं और उसे खत लिख कर अपने हिमायत की ऐलान करते हों वह आजाद घूम रहे हैं क्या सरकार इन्हें मुल्क की हिफाजत और जम्हूरि निज़ाम के लिए खतरा नहीं मानती है, यह मौलवी सुन्नी नहीं हैं क्योंकि सुन्नी तो सऊदी सरकार का पूरी दुनिया में मुखालिफत कर रहे हैं, सऊदी में सुन्नी हनफी आलिम को भी फांसी हुई है ये लोग वहाबी विचारधारा के मौलवी हैं जो भारत का माहौल खराब कर रहे हैं । इन मौलवियों के इतना इल्म नहीं है के अजमल कसाब एक आतंकवादी था जिसने हमारे मुल्क में घुसकर आतंकवादी वारदात को अंजाम दिया था और शहीद बाकिर उलनम्रि अपने देश में रहकर अल्पसंख्यकों और मानव अधिकारों के लिए आवाज उठा रहे थे ।
मजलिसे उलमाये हिन्द के महासचिव मौलाना सैयद कल्बे जव्वाद नकवी ने कहा कि इन लोगों को शायद पता नहीं है कि शहीद बाकिर उल निम्र सऊदी अरब के अल्पसंख्यक समुदाय की आवाज थे जिस में शिया व सुन्नी दोनों शामिल हैं। वह मानव अधिकारों के संरक्षण के लिए प्रयासरत थे, उनके खिलाफ जहर उगल कर सऊदी अरब एजेंट साबित कर रहे हैं कि वे किस विचारधारा की पैरवी करते हैं। मौलाना ने कहा कि सरकार पर स्पष्ट हो चुका है कि भारत का माहौल किस ज़ेहनीयत के लोग खराब करना चाहते हैं इसके बाद भी अगर उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है तो वह दिन दूर नहीं है जब भारत की हालत भी अरब देशों की तरह होगी, और हमारे शांतिपूर्ण देश में भी वहाबी आतंकवाद की घटनायें जोर पकड़ने लगेंगी।