फ़ौज ने आज कहा कि अस्करीयत पसंद अपनी सरगर्मीयों के लिए ख़ित्ता क़बज़ा के पार इलाक़े को अपनी कार्यवाईयों के नुक़्ता आग़ाज़ के तौर पर इस्तेमाल कररही हैं। इन कार्यवाईयों में कमी हुई है लेकिन फ़ौज इस के बावजूद किसी भी चैलेंज का सामना करने के लिए तैयार है।
महिकमा सुराग़ रसानी की इत्तिलाआत के बमूजब सीनियर अस्करीयत पसंद नुक़्ता आग़ाज़ पर मौजूद है। हमें ये भी इत्तिलाआत मिली हैं कि सीयर दहश्तगर्द क़ाइद जो वादी कश्मीर के बार बार दौरे करते रहे है और दरअंदाज़ी की तैयारी कररहा है लेकिन हम भी इस किस्म की किसी भी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि ख़ित्ता क़बज़ा के पार दहशतगर्द इनफ्रास्ट्रक्चर बिलकुल दुरुस्त हालत में है और आइन्दा महीने सयान्ती नुक़्ता-ए-नज़र से सख़्त होसकते हैं। वो एक तक़रीब के मौक़े पर अलैहदा तौर पर प्रेस कान्फ्रेंस से ख़िताब कररहे थे। उन्होंने कहा कि आइन्दा चंद महीने सयान्ती नुक़्ता-ए-नज़र से इंतिहाई सख़्त होंगे क्योंकि ख़ित्ता क़बज़ा के पार दहशतगर्द इनफ्रास्ट्रक्चर को कोई नुक़्सान नहीं पहूँचा।
वो हिन्दुस्तान के इलाक़े में दरअंदाज़ी की कोशिश करसकते हैं। लेकिन में तैक़ून देना चाहता हूँ कि मुख़ालिफ़ दरअंदाज़ी कार्रवाई मोस्सर होगी और आप ख़ुद देखेंगे कि हम किस तरह दरअंदाज़ी की कोशिशों को वसीअ पैमाने पर कार्यवाईयों के ज़रीये नाकाम बनाएंगे और कोशिश करेंगे कि दहशतगर्द क़ियादत के बड़े हिस्से को ख़त्म करदें।
उन्होंने कहा कि हालाँकि वादी कश्मीर में पहली बर्फ़बारी होचुकी है लेकिन ख़ित्ता क़बज़ा का इलाक़ा पूरी तरह बरफ़पोश नहीं हुआ। उन्होंने मज़ीद कहा कि सयान्ती अफ़्वाज में ज़बरदस्त ताक़त मौजूद है और सुराग़ रसानी महिकमे भी पूरी तरह सरगर्म हैं। गुज़िश्ता कार्यवाईयों में हमें ख़ुसूसी सुराग़ रसानी इत्तिलाआत मिलती रही हैं और इन ही की बुनियाद पर जारिहाना कार्यवाहीयां की गईं और नताइज आप के सामने हैं। उन्होंने कहा कि फ़ौज अपुन ज़िम्मेदारी की तकमील के लिए तैयार है और आइन्दा आम इंतेख़ाबात के लिए साज़गार माहौल फ़राहम करेगी।