श्रीनगर
नदियों की सतह भी ख़तरे के निशान से नीचे हुकूमत का बयान
हुकूमत जम्मू-कश्मीर ने आज कहा कि वादी में सेलाब का ख़तरा नहीं है और वादी की तमाम नदियां ख़तरे के निशान से नीचे बह रही हैं। सय्याहों को अब किसी ख़ौफ़ के बगै़र वादी का सफ़र करना चाहिए। इस साल बारिश के बाद यहां की सरसब्ज़-ओ-शादाबी पहले से ज़्यादा बेहतर होगी।
जम्मू-कश्मीर के वज़ीर-ए-ताअलीम नईम अख़तर ने अख़बारी नुमाइंदों से कहा कि ख़राब मौसम का बदतरीन-ओ-तबाहकुन मरहला गुज़र चुका है बाज़ मुक़ामात पर पानी जमा है जिस से कुछ मसाइल पैदा होरहे हैं। वादी में सेलाब का ख़तरा नहीं रहा अलबत्ता अवाम में गुज़िशता साल की तबाही का ख़ौफ़ अब भी पाया जाता है इस लिए ये लोग सरासीमगी का शिकार हैं।
अवाम को ग़ैर ज़रूरी ख़ौफ़ज़दा होने की ज़रूरत नहीं है बल्कि नज़म-ओ-नसक़ ने तमाम इलाक़ों में सूरत-ए-हाल से निमटने केलिए तैय्यारी करली है। बदक़िस्मती से बारिश की वजह से अब तक किसी से कोई राबिता नहीं था और कोई वज़ीर या ऑफीसर अपने घर से नहीं निकल सका था लेकिन अब उनकी हुकूमत में ऐसा नहीं होगा हर जगह काम होरहा है।
मेरा एहसास है कि ये नई सुबह का सूरज तलूअ हुआ है । इस दौरान अवाम के अंदर पाया जाने वाला ख़ौफ़ भी ख़त्म होरहा है। गुज़िशता साल सितंबर की तरह इस मर्तबा भी सेलाब का ख़तरा था। हुकूमत ने मौसम के बेहतर होने और बारिश के थम जाने की रिपोर्ट दी है। सेलाब पर क़ाबू पाने वाले महिकमे के एक ओहदेदार ने बताया कि शहर के राम मुंशी बाग़ में 15.25 फ़ुट पानी जमा है उसकी निकासी अमल में लाई जा रही है। दरयाए जहलुम भी अब अपने ख़तरे के निशान से 14.10 तक नीचे बह रही है।