वायसराए होटल और अतराफ़ में सोने से ज़्यादा क़ीमती औक़ाफ़ी जमीन

होटल वायसराए जिसे अब मैरीयट होटल (Marriott Hotel) के नाम से जाना जाता है, औक़ाफ़ की ऐसी अराज़ी पर नाजायज़ क़ब्ज़े करते हुए तामीर किया गया है जो शहर का सब से पॉश इलाक़ा है और यहां की अराज़ी सब से ज़्यादा क़ीमती समझी जाती है,

मगर मज़कूरा होटल के इस नाजायज़ क़ब्ज़ा के हवाले से वक़्फ़ बोर्ड की जानिब से नोटिस जारी किए जाने के बावजूद ये मसअला आज तक जूं का तूं हालत में है और इस हवाले से कोई वाज़ेह तस्वीर ताहाल सामने नहीं आने से अवाम में शदीद बेचैनी पाई जाती है।

क़ब्लअज़ीं स्पेशल ऑफीसर वक़्फ़ बोर्ड जनाब शेख़ मुहम्मद इक़बाल ने 20 जनवरी 2014 को मीडिया को बताया था कि होटल इंतेज़ामीया के ख़िलाफ़ बहुत जल्द तख़्लिया की नोटिस जारी की जाएगी चूँकि ये एक मौक़ूफ़ा अराज़ी पर तामीर की गई है।

दरअसल मज़कूरा होटल 2.18 एकड़ मौक़ूफ़ा अराज़ी पर ग़ैर मजाज़ तरीक़े से तामीर की गई है। ये अराज़ी 1940 में दर्ज रजिस्टर्ड वक़्फ़ की गई थी जहां मस्जिद सुल्तान बाग़, क़ब्रिस्तान दयारे ख़ामोश, दरगाह हज़रत सैयद इब्राहीम शरीफ़ और क़ब्रिस्तान सजन लाल कबाड़ी गुड़ा, हुसैन सागर वाक़े है।

बताया जाता है कि क़दीम सर्वे नंबरात 139, 140 और 141 के तहत ये अराज़ी 4.04 एकड़ अराज़ी थी जबकि नए सर्वे नंबर 181 में 1.24 गुन्टे और दूसरे सर्वे नंबर 182 के तहत 2.20 गुन्टे अराज़ी मौक़ूफ़ा है जिस के मिनजुमला 2.18 एकड़ अराज़ी पर होटल मैरीयट का क़ब्ज़ा है।

वाज़ेह रहे कि होटल मैरीयट का मसअला , पिछले कई बर्सों से मुतनाज़ा बना हुआ है और इसे हासिल करने के लिए अर्से दराज़ से कोशिश जारी है मगर साबिक़ तेलुगु देशम और कांग्रेस हुकूमत इस मसअले को हमेशा की तरह बर्फ़दान की नज़र करती है।

लेकिन अब देखना ये है कि टी आर एस हुकूमत इस मसअले को संजीदगी से लेते हुए मज़कूरा अराज़ी को वापिस हासिल करती है या फिर साबिक़ा हुकूमतों और बद उनवान और बददियानत हुक्काम की तरह मुजरिमाना ख़ामूशी अख़्तियार कर लेती है। —————- abuaimalazad@gmail.com