काशी विश्वनाथ मंदिर के अहाते में बम लगाये जाने की खुफिया महकमा की इत्तेला से जुमेरात के रोज़ को इंतेज़ामी अमले में हडकंप मच गया। वज़ीर ए आज़म नरेंद्र मोदी की मौजूदगी के दौरान मिली इस इत्तेला के बाद आफीसरों ने फौरन हाई अलर्ट ऐलान कर दिया। बम डिस्पोजल दस्ता व डाग स्क्वायड ने दो घंटे तक चप्पे-चप्पे की जांच की। एसपी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि जांच में कुछ नहीं मिला। इत्तेला अफवाह निकली।
वज़ीर ए आज़म के काशी आने के मद्देनजर पहले से ही हाई अलर्ट था। खुफिया आफीसर मुश्तबा लोगों के मोबाइल कॉल पर कडी नजर रखे हुए थे। इसी दौरान एक आफीसर को दो मुश्तबा अफराद की बात सुनायी दी, जिसमें विश्वनाथ मंदिर में बम फिट किये जाने की बात आयी। दोपहर तीन बजे खुफिया आफीसर ने आला आफीसरों को इसकी इत्तेला दी।
इसे संगीनी से लेते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर अहाते में भी हाई अलर्ट ऐलान कर दिया गया। सभी प्वाइंटों पर सेक्युरिटी अहलकार अलर्ट हो गये। एसएसपी ने पहले एसपी सेक्युरिटी डीपीएन पांडेय को मंदिर की जांच के लिए भेजा।
डीपीएन पांडेय के अलावा मौजूदा एसपी सेक्युरिटी राकेश कुमार सिंह, एलआईयू सीओ डीएन दुबे, बीडीएस टीम के हरीश तिवारी के साथ टीम ने शुरू की। बम डिस्पोजल दस्ता व डाग स्क्वायड ने विश्वनाथ मंदिर अहाते के गेट नम्बर एक (ढुंढीराज गणेश), गेट दो (सरस्वती फाटक), गेट तीन (नीलकंठ द्वार) और गेट चार (छत्ताद्वार) के आसपास की दुकानों व मकानों की जांच की।
यहां तक कि दुकानों के कैश बाक्स, मकानों की तलाशी ली गयी। मंदिर की छत और पानी की टंकियों को भी चेक किया गया। हालांकि हाई अलर्ट सिर्फ फोर्स के लिए जारी किया गया था। मंदिर आने वाले लोगो और आसपास के लोगों को इसकी भनक नहीं लगने दी गयी, ताकि अफरातफरी का हालात पैदा न हो सके।