मैं ने तालीम हासिल नहीं की इस का मुझे अफ़सोस है लेकिन में ने इस बात का तहैया कर लिया था कि अपनी इस ख़ामी और कमी को अपने बच्चों के ज़रीए ज़रूर दूर कर लूंगा उन्हें हर हाल में ज़ेवर तालीम से आरास्ता करूंगा।
उन्हें बैरून मुल्क आला तालीम के लिए रवाना करते हुए अपने प्यारे नबी (सल) के उस इरशादे पाक पर अमल करूंगा जिस में आप (सल) ने फ़रमाया अगर इल्म हासिल करने के लिए तुम्हें चीन भी जाना पड़े तो जाओ अगर्चे मैं बैरून मुल्क बरसरे रोज़गार था लेकिन अपने दो बेटों की तालीम और उन की तरबियत के लिए वतन वापिस आ गया और अल्लाह ताला ने मुझे अपनी मेहनत का सिला अता किया। बच्चों को ज़ेवर तालीम से आरास्ता करने का जो मक़सद था उसे अल्लाह ने अपने फ़ज़ल और करम और हुज़ूरे अकरम (सल) के सदक़े में पूरा किया।
मैं ने ज़िंदगी में ग़ुर्बत से काफ़ी मुक़ाबला किया। और आज बच्चों की तालीम मेरे लिए राहत साबित हुई है। ये ख़्यालात याकूत पूरा के रहने वाले जनाब मुहम्मद यहया सिद्दीक़ी के हैं जिन के दोनों फ़र्ज़ंद इन्जीनियर हैं।
बड़े फ़र्ज़ंद मुहम्मद इलियास ने कंप्यूटर साईंस से इंजीनियरिंग की और फिर लंदन से सेक्युरिटी के मज़मून में मास्टर्स किया। न्यू अइज़्जा स्कूल मलक पेट से स्कूली तालीम, रत्ना जूनियर कॉलेज नारायण गुड़ा से इंटर और अनवारुल उलूम इंजीनियरिंग कॉलेज से कंप्यूटर साईंस में इंजीनियरिंग करने वाले मुहम्मद इलियास फ़िल वक़्त मस्जिदुल हराम और मस्जिदे नबवी (हरमैन शरीफ़ैन के इंतेज़ामात की निगरानी करने वाले इदारा) में सेक्युरिटी इन्जीनियर की हैसियत से ख़िदमात अंजाम दे रहे हैं इस इदारा या दफ़्तर के सरब्राह इमाम हरम शरीफ़ (शेख अब्दुर्रहमान अलसदीस हैं) जब कि नायब सरब्राह के ओहदा पर नासिरुल ख़ज़ीम फ़ाइज़ हैं।
मुहम्मद इलियास को इस बात का एज़ाज़ हासिल है कि वो हरमैन शरीफ़ैन के नेटवर्क सेक्युरिटी के अमला में वाहिद हिंदुस्तानी हैं जब कि अमला के ज़्यादा तर अरकान सऊदी शहरी हैं।
हरमैन शरीफ़ैन में बेहतरीन नेटवर्क सेक्युरिटी निज़ाम और हुज्जाज किराम और मातमरीन को मुफ़्त वाई-फाई सहूलत की फ़राहमी में उन की महारत और नुमायां ख़िदमात को देखते हुए इमाम काबा शेख अब्दुर्रहमान अलसदीस के हाथों उन्हें तौसीफ नामा भी पेश किया गया। एक मुलाक़ात में मुहम्मद इलियास सिद्दीक़ी ने बताया कि वो 14 माह से हरम शरीफ़ में ख़िदमात अंजाम दे रहे हैं जिस के लिए वो बारगाहे रब्बुल इज्ज़त में हमेशा सजदे शुक्र बजा लाते हैं। उन की ख़िदमात की काफ़ी सताइश की गई है और अल्लाह के फ़ज़ल से कई एवार्ड्स मिल चुके हैं।
एक सवाल के जवाब में इस होनहार हैदराबादी नौजवान ने बताया कि अल्लाह ताला ने उन के माँ बाप की मेहनत दुआओं के बाइस ही उन पर ख़ास करम किया है। नौजवानों को अपने वालिदैन की फ़रमांबर्दारी के साथ इल्म पर ख़ुसूसी तवज्जा देना चाहीए। ग़ुर्बत का रोना रोने के बजाय ग़ुर्बत के ख़ातमा की कोशिश करनी चाहीए तब ही ज़िंदगी कामयाब हो सकती है।
जनाब मुहम्मद यहया सिद्दीक़ी ने अपने दोनों होनहार फ़र्ज़ंद उन के हमराह एडीटर सियासत जनाब ज़ाहिद अली ख़ान से मुलाक़ात की। एडीटर सियासत ने मुहम्मद इलियास की सताइश करते हुए कहा कि वो अपनी काबिलियत और मेहनत के ज़रीए अपने वालिदैन ख़ानदान और मुल्क और मिल्लत का नाम रौशन कर रहे हैं। ————-riyaz2002@yahoo.com