वाल मार्ट मसले पर सयासी तूफ़ान- राज्य सभा में हंगामा

नई दिल्ली, 11 दिसंबर: ( पीटीआई) आलमी रीटेल इदारा वाल मार्ट (Walmart) की जानिब से गुज़शता चार साल के दौरान अमेरीकी क़ानून साज़ों को सरगर्म मुहिम चलाने के लिए तक़रीबन 125 करोड़ रुपये की रक़म ख़र्च करने के इन्किशाफ़ पर आज सयासी तूफ़ान खड़ा हो गया और अपोज़ीशन जमातों ने राज्य सभा में ज़बरदस्त हंगामा आराई की ।

साथ ही साथ इन जमातों ने कल हुकूमत के लिए मज़ीद मुश्किलात खड़ी करने का इंतिबाह दिया ।बी जे पी सी पी आई एम सी पी आई एस पी जे डी यू तृणमूल कांग्रेस ए जी पी और अना डी एम के ने इस मसला पर हुकूमत को शदीद तन्क़ीदों का निशाना बनाया जिसने रीटेल शोबा में 51फ़ीसद ग़ैरमुल्की रास्त सरमाया कारी ( एफडी आई) की इजाज़त देने का फ़ैसला किया है ।

अपोज़ीशन ने गै़रक़ानूनी सरगर्मीयों की तहक़ीक़ात और वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह से बयान पर इसरार किया । वाल मार्ट ने अमेरीकी सेंट में दायर करदा रिपोर्ट में ये इन्किशाफ़ किया है कि 2008 से इसने मुख़्तलिफ़ लॉबी चलाने वाली सरगर्मीयों के लिए तक़रीबन 25 मिलीयन डालर (25करोड़ रुपये ) की रक़म सिर्फ़ की है ।

इसमें हिंदूस्तान में सरमायाकारी के लिए मार्केट तक रसाई हासिल करने की कोशिश भी शामिल । अपोज़ीशन जमातों ने राज्य सभा में वकफ़ा-ए-सवालात के फ़ौरी बाद ये मसला उठाते हुए हंगामा आराई शुरू कर दी । उन्होंने इल्ज़ाम आइद किया कि अमेरीकी इदारा दरअसल हिंदूस्तानी मार्केट में दाख़िला के लिए करप्शन में मुलव्वस रहा है ।

अपोज़ीशन की गड़बड़ की वजह से दो बजे दिन तक ऐवान की कार्रवाई तीन मर्तबा मुल्तवी हुई और जब दुबारा कार्रवाई का आग़ाज़ हुआ तो यही सूरत-ए-हाल देखी गई और फिर इसे सारे दिन के लिए मुल्तवी कर दिया गया । अगरचे ये मसला लोक सभा में ज़ेर-ए-बहस नहीं आया लेकिन अपोज़ीशन जमातों ने कल इसे उठाने का फ़ैसला किया है ।

सीनीयर बी जे पी लीडर यशवंत सिन्हा ने ज़राए इबलाग़ के नुमाइंदों से बातचीत करते हुए कहा कि ये इंतिहाई संगीन मुआमला है । हम ने इसे आज राज्य सभा में उठाया और कल लोक सभा में भी ये मसला उठाएंगे । जब उन्हें बताया गया कि लॉबी चलाना अमेरीका में गै़रक़ानूनी नहीं है तो साबिक़ वज़ीर‍ ए‍ ख़ारेजा ने कहा कि उन्हें ये पता है कि अमेरीका में उसकी इजाज़त है लेकिन दोनों ममालिक के क़वानीन मुख़्तलिफ़ है ।

उन्होंने कहा कि अमेरीका में लॉबी चलाने का मतलब करप्शन नहीं लेकिन हिंदूस्तान में ये करप्शन है।दोनों ममालिक में यही बुनियादी फ़र्क़ है और हिंदूस्तान में इसे गै़रक़ानूनी तसव्वुर किया जाता है । वक़फ़ा सिफ़र के दौरान ये मसला उठाते हुए बी जे पी के मिस्टर रवी शंकर प्रसाद ने कहा कि पहले भी ये अंदेशे ज़ाहिर किए गए था कि वाल मार्ट की जानिब से हिंदूस्तानी मार्केट में दाख़िला को यक़ीनी बनाने भारी रक़ूमात ख़र्च की गई हैं अब ये इल्ज़ामात दुरुस्त साबित हो चुके हैं।

वाल मार्ट ने अमेरीकी सीनेट में पेश करदा अपनी रिपोर्ट में ये एतराफ़ किया है कि तीन मिलीयन अमेरीकी डॉलर्स ( 125 करोड़ रुपये ) की रक़म को हिंदूस्तानी मार्केट में दाख़िला को यक़ीनी बनाने पर ख़र्च किया गया है । मिस्टर प्रसाद ने कहा कि हिंदूस्तान में लॉबी के लिए पैसा ख़र्च करना गैरकानूनी है ।

ये एक तरह की रिश्वत है । अग्रवाल मार्ट ने सैंकड़ों करोड़ रुपये हिंदूस्तान में ख़र्च किए हैं तो ये रिश्वत ही है । हुकूमत को ये बताना चाहीए कि ये रिश्वत किसको दी गई है । एफ डी आई के नफ़ाज़ पर इस इन्किशाफ़ से सवालात उठ खड़े हुए हैं। दीगर अपोज़ीशन जमातों के अरकान ने भी उनकी ताईद की जबकि टी एम सी के लीडर डी बंदोपाध्याय ने एक अख़बारी रिपोर्ट को एवान में पेश किया जबकि सी पी आई के रुकन पी राजे ने इस सारे मुआमला की आज़ादाना तहकीकात करवाने पर ज़ोर दिया ।

उन्होंने इल्ज़ाम आइद किया कि ये रिपोर्टस भी हैं कि फेमा क़वानीन में तरामीम से क़बल ही वाल मार्ट ने हिंदूस्तान में सरमाया कारी कर दी थी ।

उन्होंने कहा कि ये रिश्वतखोरी है । अपोज़ीशन अरकान ने एफ डी आई से दसतबरदारी इख्तेयार करने एवान में नारा बाज़ी की । एस पी के रुकन अमीन अली उद्दीन ने एवान के वस्त में पहूंच कर एस सी एस टीज़ को मुलाज़मतों में तरक़्क़ी के वक़्त भी तहफ़्फुज़ात देने हुकूमत के मंसूबे के ख़िलाफ़ नारे बाज़ी की ।

क़बल अज़ीं अपोज़ीशन जमातों ने वाल मार्ट के इन्किशाफ़ात पर मिनिस्टर आफ़ स्टेट पारलीमानी उमूर राजीव शुक्ला की जानिब से बयान को कुबूल नहीं किया और मुतालिबा किया कि वज़ीर ए आज़म ही को इस मसले पर बयान देना चाहीए ।

भारती वाल मार्ट की तरदीद

इस दौरान भारती वाल मार्ट ने हिंदूस्तान में मार्केट तक रसाई के लिए रक़म ख़र्च करने के इल्ज़ामात की तरदीद की है । भारती वाल मार्ट के तर्जुमान ने एक बयान में कहा कि ये इल्ज़ामात बिलकुल झूट हैं। अमेरीकी क़ानून के मुताबिक़ अमेरीकी कंपनीयों को सहि माही असास पर लॉबी के लिए ख़र्च की जाने वाली रक़म और दीगर उमोर का इन्किशाफ़ करना ज़रूरी होता है ।