वाशिंगटन, 18 सितंबर: (सियासत डाट काम) वाशिंगटन नेवी यार्ड में कल एक बंदूक़ बर्दार की फायरिंग में हलाक होने वाले 12 अफ़राद में एक हिंदुस्तानी नज़ाद अमरीकी डीफेंस कौंट्रैक्टर भी शामिल है । सेक्युरिटी एजेंसीयों ने इस क़त्ल-ए-आम के पसेपर्दा मुहर्रिकात की तहक़ीक़ात शुरू कर दी है ।
वाशिंगटन मेट्रो पोलीटन पुलिस ने आज 7 महलोकीन की शनाख़्त जारी की जिन में 61 साला विष्णु पण्डित का नाम भी शामिल किया गया है । इस फायरिंग में जुमला 12 अफ़राद हलाक हुए जिन में अक्सरीयत मिल्ट्री कौंट्रैक्टर्स एक्टर्स की है । वाशिंगटन डी सी मेयर विन्सेंट गिरे ने एक न्यूज़ कान्फ्रेंस में बताया कि हमलावर के बिशमोल जुमला 13 अफ़राद हलाक हुए हैं ।
उन्होंने कहा कि इस मरहला पर हमले के मुहर्रिकात के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता और उसे मुश्तबा दहश्तगर्दी क़रार देने से भी गुरेज़ नहीं किया जा सकता है । ओहदेदारों के मुताबिक़ आरोन एलेक्सीस नामी 34 साला शख़्स ने ये कार्रवाई की है । इससे पहले कहा जा रहा था कि तीन अफ़राद ने हमला किया जिन में दो की तलाश जारी है लेकिन बाद में हुक्काम ने कहा कि सिर्फ़ एक हमलावर ने ही ये कार्रवाई की है ।
एलेक्सीस साबिक़ में बहरीया से वाबस्ता रहा और तक़रीबन 3 साल ख़िदमात अंजाम देने के दौरान इसका तर्ज़ अमल अगरचे ठीक नहीं रहा लेकिन वो अच्छे अंदाज़ में अपनी ख़िदमात से सुबकदोश हो गया था । ओहदेदारों ने बताया कि अपने नामुनासिब तर्ज़ ए अमल की वजह से वो काफ़ी मशहूर था और बसाऔक़ात बगै़र इजाज़त काम से ग़ैर हाज़िर रहा करता था ।
इस ने टेक्सास में 2008 से 2011 तक ख़िदमात अंजाम दी । ओहदेदारों ने बताया कि एक साल क़ब्ल वो टेक्सास छोड़कर चला गया । वो नेवी यार्ड में कारआमद बैच के साथ दाख़िल हुआ था । हुक्काम ने बताया कि एलेक्सीस सेक्युरिटी ओहदेदारों के साथ एनकाउंटर में हलाक हो गया ।
इस ज़िमन में मज़ीद कोई तफ़सीलात नहीं बताई गई । बताया जाता है कि इस के पास से एक AR-15 सैमी ऑटोमेटिक राइफ़ल एक शॉर्ट गन और एक दस्ती बंदूक़ बरामद हुए । ओहदेदारों के मुताबिक़ ये नौजवान बौद्व मत से काफ़ी लगाव रखता था और इसमें इंतेक़ाम का जज़बा भी पाया जाता था ।
बताया जाता है कि इस का ज़हनी तवाज़ुन भी ठीक नहीं था । एलेक्सीस की ये हरकत हनूज़ एक मुअम्मा बनी हुई है लेकिन अमेरीकी ओहदेदारों ने बताया कि वो ज़हनी आरिज़ा का शिकार था और इसका सर हमेशा चकराता रहता था । ओहदेदारों ने कहा कि इस वाक़िया का बैनुल-अक़वामी या मुक़ामी दहशतगर्दी से कोई रब्त नहीं है । इसके इलावा तहक़ीक़ाती ओहदेदारों को तहरीरी तौर पर ऐसा कोई मवाद नहीं मिला कि इस कार्रवाई के पसेपर्दा सियासी या मज़हबी मुहर्रिकात कारफ़रमा हैं ।