मुंबई:फ़ौज ने आज कहा कि विजय दिवस के मौक़े पर रिवायती जोश-ओ-ख़ुरोश और मुसर्रत के अलावा फ़ौज को इन अफ़राद की भी याद आती है जिन्हें 1971 की हिंद-पाक जंग में पाकिस्तान पर फ़तह के लिए अपनी जानों का नज़राना पेश करना पड़ा था। आज ही के दिन 1971 में तकरीबन 93,000 पाकिस्तानी फ़ौजियों ने हिन्दुस्तानी फ़ौज के आगे हथियार डाल दिए थे।
इस तारीख़ी फ़तह के नतीजे में बंगला देश क़ायम हुआ था। इस मौक़े पर महलोकिन की याद में जिन्होंने बहादुरी से जंग करते हुए अपनी जानों की क़ुर्बानी दी थी एक ख़िराज-ए-अक़ीदत पेश करने की तक़रीब मुनाक़िद की गई। कुलाबा में जंगी यादगार के मुक़ाम पर ख़राज अक़ीदत पेश किया गया । लेफ़टननट जनरल बिपिन रावत जनरल ऑफीसर कमांडिंग महाराष्ट्रा , गुजरात और गोवा के अलावा दीगर कई फ़ौजी ओहदेदारों ने बहादुर महलोकिन को फूल माला चढ़ाकर ख़िराजे अक़ीदत पेश किया।
आज की तक़रीब में ख़ुसूसी सैनिक सम्मेलन और सैनिक भोज का भी एहतेमाम किया गया था।