कर्ज लेकर देश से भागने में मशहूर चल रहे विजय माल्या के विदेश जाने से बैंक काफी परेशान हैं। बैंकों ने आरबीआई और वित्त मंत्रालय से साफ तौर पर कहा है कि माल्या और अन्य विलफुल डिफॉल्टर के साथ लोन सेटलमेंट की पहल की जाए। बैंक यह भी चाहते हैं कि माल्या को देश वापस लाने के लिए कदम उठाए जाएं। बैंक उनसे सेटलमेंट करने को तैयार हैं।
गौरतलब है कि विजय माल्या ने पिछले साल बैंकों के सामने सेटलमेंट का फॉर्म्यूला रखा था। इस फॉर्म्यूले के मुताबिक उनकी कंपनी ने बैंको से जो कर्ज लिया है, उसपर लगी ब्याज राशि को हटाया जाए। इसके अलावा बैंक माल्या की कंपनी की वित्तीय हालत देखते हुए कर्ज का जो मूलधन हैं, उसमें भी कुछ राहत और रियायत दें।
बैंकों का कहना है कि मूलधन राशि पर तो छूट देने का सवाल ही नहीं उठता है। सूत्रों के मुताबिक, शनिवार को आरबीआई बोर्ड के साथ बैठक में भी वित्त मंत्री अरुण जेटली और वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन से माल्या मामले में बात की।
एक सरकारी बैंक के उच्चाधिकारी ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि ऐसा कोई प्रावधान या नियम बने, जिसमें सभी विलफुल डिफाल्टरों को बैंकों के साथ बातचीत करके लोन सेटलमेंट का विकल्प दिया जाए। इधर बैंकों ने देश में माल्या के साथ अन्य विलफुल डिफाल्टरों की संपत्तियों की सूची बनानी शुरु कर दी है। इसे जल्द आरबीआई के पास भेजा जाएगा और उसके बाद इस पर तुरंत कार्रवाई भी की जाएगी।
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