मुहम्मद जाकिर रियाज़
मुरादनगर: आठ नवम्बर को 500 और 1000 के पुराने नोट बंद किये जाने के बाद आज बैंक सार्वजनिक लेन देन के लिए खोल दिए गए हैं | बैंकों के बाहर लम्बी कतारें लगी हुयी हैं | अभी सिर्फ पुराने नोटों को जमा किया जा रहा है इसलिए बैंक सिर्फ खाताधारकों को ही सेवा प्रदान कर रहे हैं | कुछ लोग सरकार के इस कदम को सही ठहरा रहे हैं तो कुछ इस पर नाराज़ भी हैं | हमने ग़ाज़ियाबाद के मुरादनगर कस्बे में बैंकों के बाहर खड़े लोगों से बात चीत की और इस फैसले के सन्दर्भ में उनकी राय जानने की कोशिश की | बातचीत के अंश को आप यहाँ इन विडियो में देख सकते हैं:
1. मोदी जी ने बहुत अच्छा किया है | सारा काला धन बाहर आ जायेगा | हम परेशानी झेल लेंगे |

2. मेरे पैसे मिल गए तो ठीक वरना मोदी को वोट नहीं दूंगा

3. परेशानी के बावजूद जवानों को है उम्मीद, लेकिन बुजुर्गों का अनुभव कहता है कुछ नहीं बदलेगा

4. ब्लैक मनी वालों पर लगेगी लगाम

5. जुगाड़ ढून्ढ लिए जायेंगे बेईमानी ख़तम नहीं होगी | सिर्फ जनता परेशान होगी | इससे और करप्शन बढेगा |

भीड़ में एक बड़ी तादाद उन लोगों की भी है जिनके घरों में अभी शादियाँ है | शादी के खर्च और लेन देन में ज़्यादातर नकदी ही इस्तेमाल होती है | लेकिन सरकार के इस फैसले ने शादियों के माहौल का रंग भंग कर दिया है | देखें :
6. घर में शादी है और पैसा नहीं है | 4000 रूपये में कैसे होगी शादी |

7. शादी के सीजन के बाद नोट बंद करने चाहिए थे सरकार को |

7. लड़की की शादी के लिए पैसे दो मोदी जी

आम जनता के लिए यह फैसला फ़िलहाल परेशानी का सबब बना हुआ है | बैंको के बाहर कतार बढ़ती जा रही है | जिन लोगों के बैंक में खाते नहीं हैं फ़िलहाल उनको कोई राहत नहीं मिल पा रही है |